आजकल किसानों का ध्यान परंपरागत खेती से हटकर आधुनिक खेती की ओर केंद्रित हो रहा है. आधुनिक खेती के दौर में किसान अब बाजार की मांग को ध्यान में रखकर मुनाफा देने वाली चीजों की खेती करने लगे हैं. इसी के साथ किसान फल की खेती करके अच्छी कमाई कर रहे हैं. यदि फलों की बात करें तो किसान अनानास की खेती करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि इसकी मांग बाजार में पूरे बारह महीने बनी रहती है. ऐसे में अगर आप भी अनानास की खेती करना चाहते हैं तो आप इसके पौधे सस्ते में ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगवा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे?
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन अनानास के MD2 किस्म के टिश्यू कल्चर वाले पौधे बेच रहा है. इस पौधे को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज और पौधे आसानी से मिल जाते हैं. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
MD2 अनानास की एक खास किस्म है. इस किस्म के फलों का वजन 1.3 से 2 किलो तक होता है. वहीं, ये किस्म काफी तेजी से बढ़ता है. इस किस्म का फल ज्यादातर बाजार में मिलने वाली किस्मों की तुलना में ज़्यादा मीठा और स्वादिष्ट होता है और इसमें कम फाइबर होता है. नियमित किस्मों की तुलना में इसमें चार गुना ज्यादा विटामिन सी होता है. साथ ही MD2 अनानास की कटाई के बाद 30 दिनों की लंबी शेल्फ लाइफ होती है, जबकि अन्य किस्मों के लिए 21 दिन लगते हैं और कोल्ड स्टोरेज में 2 सप्ताह तक फ्रेश रह सकता है.
अगर आप भी अनानास की खेती करना चाहते हैं या इसे गमले में उगाना चाहते हैं तो इसके पौधे उपलब्ध हैं. आपको इसके 5 पौधे फिलहाल 25 फीसदी की छूट के साथ 450 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से अनानास की खेती कर सकते हैं.
बात करें अनानास की खेती की तो इसकी खेती 12 महीने में कभी भी की जा सकती है. लेकिन अनानास की खेती के लिए नम जलवायु की आवश्यकता होती है यानी जहां अधिक बारिश होती हो. इसमें ज्यादा गर्मी और पाला सहने की क्षमता नहीं होती है. अनानास के लिए अधिक जीवांश वाली बलुई दोमट मिट्टी अच्छी होती है. इसके अलावा जल भराव वाली भूमि में इसकी खेती नहीं करनी चाहिए. इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 5 से 6 के बीच होना चाहिए. अनानास की रोपाई दिसंबर-मार्च के बीच करनी चाहिए. खेत तैयार करने के बाद खेत में 90 सेमी दूरी पर 15 से 30 सेमी गहरी खाई बना उसमें पौधे की रोपाई करनी चाहिए.