राजस्थान मिशन-2030: खेती से जुड़े स्टेक होल्डर्स का आज से शुरू हो रहा ओरिएंटेशन प्रोग्राम

राजस्थान मिशन-2030: खेती से जुड़े स्टेक होल्डर्स का आज से शुरू हो रहा ओरिएंटेशन प्रोग्राम

खण्ड स्तर पर अतिरिक्त निदेशक कृषि(विस्तार)और जिला स्तर पर संयुक्त निदेशक कृषि(विस्तार)जिला परिषद को इन कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी दी गई है. ओरिएंटेशन प्रोग्राम में सम्बन्धित हितधारकों के चयन के लिए विभागीय अधिकारियों की ओर से संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों से सम्पर्क कर किया जाएगा. 

राजस्थान मिशन 2030 के तहत विभाग कर रहा ऑरिएंटेशन कार्यक्रम. फाइल फोटो- DIPRराजस्थान मिशन 2030 के तहत विभाग कर रहा ऑरिएंटेशन कार्यक्रम. फाइल फोटो- DIPR
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Sep 01, 2023,
  • Updated Sep 01, 2023, 3:32 PM IST

राजस्थान मिशन 2030. इन दिनों प्रदेश में यह काफी चर्चित है. लक्ष्य है साल 2030 तक राजस्थान को विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा करना. इसके लिए राज्य सरकार विभागों और उनसे जुड़े स्टेक होल्डर्स से सुझाव मांग रही है. आम जनता से भी इसके लिए सुझाव मांगे जा रहे हैं. इसीलिए आज से यानी एक सितंबर शुक्रवार से कृषि, उद्यानिकी और कृषि विपणन विभागों की ओर से सुझाव, परामर्श मांगे जा रहे हैं. यह कार्यक्रम प्रत्येक जिले में किए जाएंगे और हर जिले में 60 स्टेक होल्डर्स शामिल किए जाएंगे. इन ओरिएंटेशन कार्यक्रमों के बाद राजस्थान मिशन-2030 दस्तावेज तैयार किया जाएगा.

कृषि और इससे जुड़े विभागों के दस्तावेजों में राजस्थान में खेती-किसानी से जुड़े क्षेत्रों में क्या काम किए जाने चाहिए, इस पर सुझाव होंगे. 

ये स्टेक होल्डर्स होंगे शामिल

कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी सिंह ने बताया कि खण्ड स्तर पर अतिरिक्त निदेशक कृषि(विस्तार) और जिला स्तर पर संयुक्त निदेशक कृषि(विस्तार) जिला परिषद को इन कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी दी गई है. ओरिएंटेशन प्रोग्राम में सम्बन्धित हितधारकों के चयन के लिए विभागीय अधिकारियों की ओर से संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों से सम्पर्क कर किया जाएगा. 

सुझाव देने के लिए कृषि, उद्यानिकी एवं कृषि विपणन विभाग के अधिकारी, प्रगतिशील किसान, किसान आयोग के सदस्य, विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, एफ.पी.ओ., आदान विक्रेता, एस.एल.बी.सी. के संयोजक, नाबार्ड प्रतिनिधि, चयनित प्रगतिशील किसान, विषय विशेषज्ञ, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप, कृषि प्रसंस्करण इकाई, सहकारी समिति, राजस्थान बीज निगम, फसल बीमा कम्पनी आदि के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि, कृषि महाविद्यालयों के शिक्षाविद, निजी कृषि महाविद्यालयों के फैकल्टी, विद्यार्थी, पीएचडी स्कॉलर एवं कृषि अर्थशास्त्री जैसे लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. 

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वेबसाइट पर मांगे जाएंगे सुझाव

डॉ. पृथ्वी ने बताया कि हितधारक ओरिएंटेशन कार्यक्रम में विभाग अपनी उपलब्धियों के बारे में प्रजेंटेशन देकर आमजन, कर्मचारी, अधिकारी व जनप्रतिनिधि ‘मिशन-2030‘ की वेबसाइट पर सुझाव मांगे जाएंगे. ताकि राज्य विजन डॉक्यूमेन्ट 2030 के विकास लक्ष्य निर्धारित किए जा सकें. 

पशुपालन, गौपालन विभाग ने भी रखा संवाद कार्यक्रम

राजस्थान मिशन-2030 की कड़ी में पशुपालन एवं गौपालन विभाग ने पशुधन के क्षेत्र में विभिन्न वैज्ञानिकों, प्रबुद्धजनों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ हितधारकों से सुझाव मांगे जाएंगे. इसे लेकर पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव विकास सीतारामजी भाले ने एक मीटिंग भी रखी. 

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भाले ने कहा कि राजस्थान में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी पशुपालन है. गांवों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए पशुधन का महत्व बनाए रखने, पशुधन उत्पादन में बढ़ोतरी, पशुपालक, किसान तथा समाज के पिछड़े वर्ग के परिवारों को रोजगार के साधन उपलब्ध करा उन्हें आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाये जाने के लिए संवाद कार्यक्रम काफी मददगार होगा. राजस्थान मिशन-2030 में इन्हीं सब बातों को रखकर राजस्थान को 2030 तक विकसित करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है. 


 

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