देश में आजकल सबसे अधिक चर्चा मोटे अनाजों की है. मोटे अनाजों की खेती भी काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. ऐसा ही एक मोटा अनाज रागी है, जिसे फिंगर मिलेट या मडुआ के नाम से भी जाना जाता है. यह एक पौष्टिक अनाज है, जिसकी खेती दुनिया के कई देशों में की जाती है. रागी आवश्यक पोषक तत्वों का भंडार है, जो पाचन में सहायता करता है. साथ ही शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है. वहीं, रागी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों को देखते हुए इसकी मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में अगर आप भी रागी की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत किस्म वीएल-376 का बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप रागी के बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन रागी की उन्नत किस्म 376 का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसान वेबसाइट के इस लिंक पर जाकर ऑर्डर कर सकते हैं.
रागी की वीएल-376 किस्म को भारत में ज्यादातर जगहों पर खरीफ की फसल के रूप में उगाया जाता है. ये रागी की अधिक उपज देने वाली किस्म है. इसकी फसल रोपाई के 100 से 110 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. वहीं ये किस्म ब्लास्ट रोग प्रतिरोधक होती है. ये किस्म उपज में भी काफी बेहतर है.
अगर आप भी इस किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस बीज का 5 किलो का पैकेट आपको फिलहाल 31 फीसदी की छूट के साथ मात्र 390 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इस बीज को खरीद कर आप रागी की खेती कर सकते हैं.
रागी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है. इसकी खेती के लिए भूमि उचित जल निकासी वाली होनी चाहिए क्योंकि जलभराव वाली भूमि में रागी की फसल खराब हो जाती है. इसकी खेती में सामान्य बारिश की जरूरत होती है. दरअसल रागी के बीजों की रोपाई के लिए ड्रिल विधि को सबसे उपयुक्त माना जाता है. यदि आप छिड़काव विधि द्वारा बीजों की रोपाई करना चाहते है, तो उसके लिए आपको समतल भूमि में बीजों को छिड़कना होगा.