हरियाणा में सोनीपत स्थित छोटू राम धर्मशाला में बुधवार को सैकड़ों की संख्या में किसान जुटे और अपनी लंबित मांगों को लेकर विचार विमर्श किया. बैठक के बाद किसान हाथों में तिरंगे लेकर सोनीपत शहर की सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और अपनी लंबित मांगों को पूरा करवाने के लिए डीसी को ज्ञापन सौंपा. वहीं किसानों ने चेतावनी दी कि अगर मांगें समय पर पूरी नहीं हुई तो एक बार फिर सड़कों पर सैकड़ों ट्रैक्टर दिखेंगे.
किसानों ने समूह में सड़कों पर उतरकर अपनी मांगें बुलंद कीं. किसानों के हाथों में तिरंगा था और खाद की कमी को लेकर वे नारेबाजी कर रहे थे. किसानों ने चीनी मिल के नए एमडी की मांग भी उठाई और नारेबाजी में कहा कि मिल के एमडी की नियुक्ति तुरंत की जानी चाहिए. गन्ना मिल के टेंडर की मांग उठाई गई. किसानों ने कहा कि सोनीपत की शुगर मिल चीनी उत्पादन में हर साल पहले या दूसरे स्थान पर आती है, लेकिन सरकार उस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. शिकायत करते हुए किसानों ने कहा कि जो शुगर मिल हर साल इतना फायदा देती है, उस मिल का अभी न तो कोई एमडी है और न ही उसकी मरम्मत का अभी तक कोई टेंडर निकला है.
सोनीपत बैठक में पहुंचे किसानों ने कहा कि सरकार लगातार उनकी अनदेखी कर रही है और किसानों का हितैषी होने का दावा कर रही है. लेकिन किसानों का भला नहीं हो रहा है. किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यह अनदेखी सरकार को भारी पड़ सकती है. मीटिंग के दौरान किसानों ने कहा कि अपनी फसलों के लिए उन्हें समय पर खाद नहीं मिल रही है. जिस किसान को खेतों में होना चाहिए, उस किसान के परिवार में मां, बहन, बेटी खाद के लिए लाइनों में बैठी दिखाई देती हैं.
पूर्व गर्वनर सतपाल मलिक का मामला उठाते हुए एक किसान ने कहा कि मलिक पूर्व गवर्नर ही नहीं बल्कि किसान नेता भी थे. किसान नेताओं ने 2 मिनट का मौन रखा, लेकिन सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया. इसे लेकर किसानों में रोष है. किसान ने कहा कि उन्हें सम्मान जरूर मिलना चाहिए था. ऐसा करके सरकार भेदभाव पैदा कर रही है. बैठक में किसानों ने कहा कि सोनीपत शुगर मिल पहले और दूसरे स्थान पर ही रहा है, लेकिन स्थाई एमडी और समय पर मरम्मत न होना बड़ी परेशानी बन सकती है.
किसानों की मांग है कि सरकार चीनी मिल के लिए जल्द एक नया एमडी नियुक्त करे और मिल की मरमत का टेंडर दे ताकि मिल सुचारू रूप से चल सके. नवंबर महीने में मिल शुरू होना है, लेकिन अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया गया है. सरकार को जल्द से जल्द काम शुरू करवाना चाहिए. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो एक बार फिर सड़कों पर सैकड़ों ट्रैक्टर दिखेंगे.