कटाई के बाद फसल नुकसान 30 फीसदी घटाया.. किसानों को जलवायु बचाव उपाय बताए और अब मिला अवॉर्ड

कटाई के बाद फसल नुकसान 30 फीसदी घटाया.. किसानों को जलवायु बचाव उपाय बताए और अब मिला अवॉर्ड

जलवायु स्मार्ट टेक्नोलॉजी के जरिए किसानों की मदद कर रही एग्री कंपनी आर्य एजी को यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडिया (UN GCNI) की ओर से क्लाइमेट एक्शन कैटेगरी में 2025 फॉरवर्ड फास्टर सस्टेनेबिलिटी अवार्ड से सम्मानित किया गया है. आर्य एजी ने अपनी तकनीक से फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को 30 फीसदी तक घटाने में किसानों की मदद की है.

आर्य एजी के अनुसार इन तकनीकों ने फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को 30 फीसदी तक कम किया है.आर्य एजी के अनुसार इन तकनीकों ने फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को 30 फीसदी तक कम किया है.
रिजवान नूर खान
  • Noida,
  • Feb 18, 2025,
  • Updated Feb 18, 2025, 5:00 PM IST

कमोडिटी स्टोरेज और कमर्शियल प्लेटफॉर्म आर्य एजी (Arya.ag) को यूएन का 2025 फॉरवर्ड फास्टर सस्टेनेबिलिटी अवार्ड मिला है. यह पुरस्कार 6.50 लाख किसानों और 1300 किसान उत्पादक संगठनों से जुड़े किसानों को जलवायु बदलाव के प्रति जागरूक करने, किसानों को टिकाऊ खेती के लिए प्रेरित करने और इंटीग्रेटेड तकनीक से खेती के लिए किसानों की मदद करने के लिए मिला है. इसके साथ ही जलवायु बदलाव से निपटने के लिए तकनीक उपलब्ध कराने के लिए यह सम्मान दिया गया है. आर्य एजी ने अपने उपायों और तकनीक की मदद से कटाई के बाद किसानों को होने वाले फसल नुकसान को 30 फीसदी तक घटाने में कामयाबी हासिल की है.  

अनाज कॉमर्स प्लेटफॉर्म और किसानों को कमोडिटी के बदले वित्तीय मदद देने वाली एग्रीकल्चर कंपनी आर्य.एजी को यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडिया (UN GCNI) की ओर से क्लाइमेट एक्शन कैटेगरी में 2025 फॉरवर्ड फास्टर सस्टेनेबिलिटी अवार्ड से सम्मानित किया गया है. कंपनी के बयान के अनुसार यह पुरस्कार जलवायु लचीलापन बढ़ाने, खाद्य नुकसना घटाने और पूरे भारत में किसानों को सशक्त बनाने वाले इनोवेटिव, स्केलेबल सॉल्यूशन के जरिए संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को आगे बढ़ाने में आर्य.एजी ने उल्लेखनीय कार्य किया है.

6.50 लाख किसानों को मिला लाभ  

आर्य एजी ने इंटरनेट ऑपरेटेड गोदाम, एआई ऑपरेटेड सैटेलाइट निगरानी और पृथ्वीप्रो (PrithviPro) और आर्यशक्ति (Aryashakti) जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए उपज निगरानी और जलवायु बदलावों के अनुसार काम किया है. आर्य.एजी की इन बदलावकारी पहलों की UN GCNI ने सराहना की है. आर्य एजी ने इन डिजिटल पहलों के जरिए 650,000 से अधिक किसानों और 1300 से अधिक किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को लाभ पहुंचाया है. 

कटाई के बाद नुकसान को 30 फीसदी घटाया

आर्य एजी के अनुसार इन तकनीकों ने फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को 30 फीसदी तक कम किया है. पानी की बचत करने वाले चावल की खेती के तरीकों से मीथेन उत्सर्जन घटाने में मदद की है. इसके साथ ही रीजेनरेटिव फार्मिंग को बढ़ावा दिया है. कंपनी की 200 स्मार्ट एफपीओ बनाने की पहल के तहत 50,000 किसानों को जलवायु अनुकूल लचीले तरीकों में ट्रेनिंग दी है. 

जलवायु स्मार्ट टेक्नोलॉजी से मदद कर रहे

आर्य.एजी के चीफ सस्टेनबिलिटी ऑफिसर शेनॉय मैथ्यू ने कहा कि आर्य एजी में हम यह साबित कर रहे हैं कि टिकाऊ और लाभ साथ-साथ चल सकते हैं. यह पुरस्कार हमारे उद्देश्य और नजरिए को प्रमाणित करता है. जलवायु स्मार्ट टेक्नोलॉजी और वित्तीय समावेशन को इंटीग्रेट करके हम एक ऐसा भविष्य बना रहे हैं जहां आने वाली पीढ़ियों की जरूरतों से समझौता किए बिना कृषि फल-फूल रही है.

उन्होंने कहा कि UN GCNI की ओर से मिला पुरस्कार आर्य एजी की ओर से हाल ही में किसानों और एफपीओ के लिए फसल कटाई के बाद की लिक्विडिटी का विस्तार करने के लिए गारंटको और एचएसबीसी इंडिया के सपोर्ट से 2.5 बिलियन रुपये की फंडिंग हासिल हुई है. यह फंडिंग किसानों की संकटपूर्ण बिक्री को खत्म करने में मदद करेगी. जबकि, लोन पहुंच को औपचारिक बनाना और भारत के एग्री इकोसिस्टम में ट्रांसपेरेंसी लाना है. 

11 हजार से ज्यादा कमोडिटी गोदाम 

आर्य एजी 20 राज्यों के किसानों के साथ काम कर रहा है. देशभर में 11,000 से अधिक एग्रीकल्चर स्टोरेज फैसेलिटी हैं, जहां सालाना 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अनाज स्टोरेज किया जाता है. जबकि, छोटे किसानों को 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का लोन वितरित करता है. कंपनी ने कहा कि मक्के में एफ्लैटॉक्सिन को कम किया है और किसानों की कमाई को बढ़ाया है.

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