Paddy Variety: जीन का खेल! अब 30 प्रतिशत ज्‍यादा पैदावार देंगी ये धान की किस्‍में, पानी भी बचाएंगी

Paddy Variety: जीन का खेल! अब 30 प्रतिशत ज्‍यादा पैदावार देंगी ये धान की किस्‍में, पानी भी बचाएंगी

Genome Edited Paddy Variety: भारत में धान की खेती में पानी की खपत एक बड़ी समस्या है. जीन एडिटिंग से बनी धान की दो नई किस्में, DRR धान 100 और पूसा DST राइस 1, पानी की बचत और अधिक पैदावार देने में सक्षम हैं. ये किस्में 20-30% अधिक पैदावार और 20% कम मीथेन उत्सर्जन कर सकती हैं.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 20, 2025,
  • Updated May 20, 2025, 10:48 PM IST

ICAR Genome Edited Paddy Variety: भारत में अब खरीफ सीजन की धान बुवाई का समय नजदीक आ गया है. लेकिन धान की खेती में पानी की खपत एक बड़ी समस्‍या है. ऐसे में सरकार और कृषि वैज्ञानिक ऐसी धान किस्‍मों और प्रणालियों के इस्‍तेमाल पर जोर दे रहे हैं, जिनमें पानी की खपत कम होती है. वैज्ञानिकों के अनुसार, प्रत‍िकिलोग्राम धान उगाने में 2500 लीटर पानी की खपत होती है, जिसके कारण पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्‍यों में भू-जल स्‍तर लगातार नीचे गिर रहा है. इस समस्‍या से राहत दिलाने में जीन एडिटिंग काफी मददगार साबित हो सकती है. इसके लिए आईसीआर और इससे जुड़ें संस्‍थानों ने दुनिया में पहली बार धान की दो जीनोम एडिटेड वैराय‍टी बनाई हैं. पहली- DRR धान 100 (कमला), दूसरी- पूसा DST राइस 1.

20-30 फीसदी ज्‍यादा पैदावार देने में सक्षम धान

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आईसीएआर का कहना है कि ये दो जीनोम एडिटेड धान किस्‍में टिकाऊ कृषि में एक बड़ा बदलाव लाने में सक्षम हैं. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इन दो किस्‍मों की धान की खेती 5 मिलियन हेक्टेयर रकबे में की जाती है तो इनऐ 4.5 मिलियन टन अतिरिक्त धान पैदावार हासिल की जा सकती है और कुल 7,500 मिलियन क्यूबिक मीटर सिंचाई का पानी बचाया जा सकता है. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि 20-30 फीसदी पैदावार लाभ के अलावा, ये किस्में मीथेन उत्सर्जन को 20 फीसदी तक घटाने में मदद कर सकती हैं. 

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PUSA DST RICE 1

पूसा डीएसटी राइस 1 को आईसीएआर-आईएआरआई, दिल्‍ली ने बनाया है. वैज्ञानिकों ने इसे खारेपन और सुखाड़ के प्रति प्रतिराेधी बनाया गया है. यह मुख्‍यतौर पर खारी और क्षारीय मिट्टी यानी तटीय इलाकों के पास रहने वाले किसानों को ध्‍यान में रखते हुए बनाई गई है. इस किस्‍म ने विभ‍िन्‍न प्रतिकूल परिस्‍थ‍ितियों में अच्‍छे परिणाम दिए हैं. अंतर्देशीय लवणता की स्थिति में लगभग 10 प्रतिशत उपज लाभ देने में सक्षम है और क्षारीय मिट्टी में 15 प्रतिशत उपज लाभ और तटीय खारेपन वाली मिट्टी में 30 प्रतिशत उपज लाभ देने में सक्षम है.

DRR DHAN 100 (KAMALA)

डीआआर धान 100 (कमला) को आईसीएआर-आईआईआरआर, हैदराबाद ने बनाया है. यह किस्‍म अपनी मूल धान किस्‍म से 20 पहले यानी 130 दिन में पककर तैयार हो जाती है. जल्‍दी पकने के कारण इसमें पानी की काफी बचत होती है. साथ ही यह धान की सांबा और महसूरी किस्‍म के मुकाबले 19 प्रतिशत ज्‍यादा पैदावार देने में सक्षम है, जिनकी पैदावार 5.4 टन प्रति हेक्‍टेयर है. अनुकूल परिस्थि‍तियों में यह किस्‍म 9 टन प्रति हेक्‍टेयर पैदावार देने में सक्षम है.

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