राजस्थान के विधानसभा चुनावों में पहली बार पोस्टल बैलेट से मीडियाकर्मी भी वोट डाल सकेंगे. निर्वाचन आयोग ने मीडिया के लोगों को अनिवार्य सेवाओं की सूची में शामिल किया है. बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अनिवार्य सेवाओं में शामिल विभागों की सूची जारी की. प्रदेश में पहली बार इस सूची में मीडिया को शामिल किया गया है. इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है. इनमें बिजली-पानी, रोडवेज-मेट्रो, डेयरी, फायर फाइटर चिकित्सा शिक्षा विभाग और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को शामिल किया गया है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि निर्वाचन आयोग से जारी आदेशों के मुताबिक मेडिकल सेक्टर में डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ, एम्बुलेंस कर्मचारी, ऊर्जा विभाग में इलेक्ट्रिशियन, लाइन मैन, पीएचईडी में पम्प ऑपरेटर, टर्नर, राजस्थान की दुग्ध समितियों में काम करने वाले कर्मचारी, रोडवेज में ड्राइवर-कंडक्टर और निर्वाचन आयोग से अधिकृत मीडिया कर्मचारियों को इस साल से पोस्टल बैलेट (डाक मतपत्र) के जरिए वोटिंग की सुविधा दी जाएगी. गुप्ता ने बताया कि सर्विस वोटर्स की श्रेणी में पहली बार पत्रकारों को शामिल किया गया है. अभी तक सर्विस वोटिंग की सुविधा चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों-अधिकारियों, सेना या पैरा मिलिट्री से जुड़े जवानों को ही मिलती थी. इन सभी अनिवार्य सर्विस वालों को अब से पोस्टल बैलेट की सुविधा दी गई है.
संबंधित विभाग बताएंगे कि उनके यहां कितने ऐसे कर्मचारी है जिनकी वोटिंग के दिन ड्यूटी रहेगी और वो उस दिन वोट देने से वंचित रह सकते हैं. उस सूची के आधार पर रिटर्निंग अधिकारी उन कर्मचारियों को फार्म 12-डी जारी करेगा और उनको बैलेट पेपर के जरिए वोटिंग की सुविधा फैसिलिटेशन सेंटर पर दी जाएगी.
प्रदेश में आचार संहिता लगते ही निर्वाचन आयोग अधिकारियों की ट्रेनिंग करा रहा है. विधानसभा चुनावों को सफल बनाने के लिए 11 से 14 अक्टूबर तक जयपुर जिले में पीठासीन अधिकारियों एवं मतदान अधिकारी (प्रथम) की ट्रेनिंग की जा रही है.
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मतदान दलों को प्रशिक्षण देने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित की अध्यक्षता में प्रशिक्षकों का एक दिन का प्रशिक्षण शिविर एचसीएम रीपा स्थित मेहता सभागार में किया गया. इसमें विधानसभा स्तरीय प्रशिक्षकों और जिला स्तरीय प्रशिक्षकों को राज्य स्तरीय प्रशिक्षक मनीष कुमार गोयल ने प्रशिक्षण दिया एवं चुनाव प्रक्रिया से संबंधित बारीकियों से रूबरू करवाया.
राजस्थान निर्वाचन आयोग ने इस बार आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत के लिए सी-विजिल एप डेवलप किया है. आयोग का कहना है कि इस एप पर की गई कोई भी शिकायत का समाधान महज सौ मिनट में हो जाएगा. इस एप का सबसे ज्यादा फायदा युवा वर्ग को लेना चाहिए.