दिल्ली की धुंध का कारण फिर वही: पराली जलाने की घटनाओं में हाल में तेजी, NASA डेटा से खुलासा

दिल्ली की धुंध का कारण फिर वही: पराली जलाने की घटनाओं में हाल में तेजी, NASA डेटा से खुलासा

पंजाब और हरियाणा में खेतों में आग लगने के मामले पिछले सालों से कम, लेकिन अक्टूबर के अंत से बढ़ोतरी दर्ज. NASA के सैटेलाइट डेटा ने दिखाया पराली जलाने का नया पैटर्न — प्रशासन की सख्ती और वैकल्पिक उपायों से राहत के संकेत.

स्टबल बर्निंग और धुएं के कारण दिल्ली में हवा और बिगड़ने की संभावना (Photo: ITG)स्टबल बर्निंग और धुएं के कारण दिल्ली में हवा और बिगड़ने की संभावना (Photo: ITG)
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 04, 2025,
  • Updated Nov 04, 2025, 3:04 PM IST

राजधानी दिल्ली पर छाए धुंध ने एक बार फिर उस मुद्दे की ओर ध्यान खींचा है जो हर साल सामने आता है- पराली जलाना. शुरुआत में, खेतों में आग लगने की घटनाएं काफी कम थीं. यहां तक कि इस साल 15 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच पंजाब और हरियाणा में सिर्फ 25 घटनाएं रिपोर्ट की गईं जो पिछले साल इसी दौरान दर्ज किए गए 559 मामलों से काफी कम है.

हालांकि, NASA के FIRMS के डेटा से पता चलता है कि हाल के दिनों में पराली की आग लगने की घटनाओं में कई बार बढ़ोतरी हुई है, 22 अक्टूबर, 30 अक्टूबर, 31 अक्टूबर, 1 नवंबर और 3 नवंबर को सैटेलाइट्स ने इसमें साफ बढ़ोतरी दर्ज की है.

क्या कहता है सैटेलाइट डेटा

इंडिया टुडे की OSINT टीम ने NASA के टेरा और एक्वा सैटेलाइट्स के डेटा का इस्तेमाल करके एक्टिव आग लगने वाली जगहों को मैप किया. यह एनालिसिस सितंबर से अक्टूबर तक पंजाब और हरियाणा में खेतों में आग लगने की घटनाओं के बदलते पैटर्न को दिखाता है. साथ ही, यह इसी दौरान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भी आग लगने की घटनाओं में बढ़ोतरी का संकेत देता है.

पहले से आग की घटनाएं कम

सिर्फ सोमवार को ही पराली जलाने के 446 नए मामले दर्ज किए गए - 256 पंजाब में और 23 हरियाणा में - जिससे इस सीजन में कुल संख्या 2,663 हो गई है. हालिया बढ़ोतरी के बावजूद, ये आंकड़े पिछले सालों की तुलना में काफी कम हैं. जैसे कि 2024 में इसी दौरान 4,132 मामले और 2023 में 12,813 मामले दर्ज किए गए थे.

पराली क्यों जलाई जाती है

धान की कटाई के बाद (दिवाली के आसपास), किसान गेहूं बोने से पहले खेतों को जल्दी साफ करने के लिए पराली जलाते हैं. इस समय कम तापमान के कारण धुआं हवा में ही रह जाता है, जिससे वायु प्रदूषण और बढ़ जाता है.

पंजाब बनाम हरियाणा

पंजाब, हरियाणा से कहीं ज्यादा धान पैदा करता है. हरियाणा का कुल एरिया और उत्पादन लगभग पंजाब के सिर्फ एक जिले - संगरूर के बराबर है. पंजाब में धान की कुछ किस्में ज्यादा पराली भी पैदा करती हैं.

सजा से आगे क्या

पराली जलाने वालों के खिलाफ जुर्माना और FIR का प्रावधान किया गया है. ये दोनों सख्ती पराली जलाने के खिलाफ मदद जरूर करते हैं, लेकिन एक हद तक ही. जुर्माने और एफआईआर से अलग हटकर सरकार ने कुछ अच्छी पहल की है. अब, किसान पराली को इंडस्ट्रीज को बेच सकते हैं (बिजली, कागज, या बायो-CNG के लिए). इससे उन्हें इनकम होती है और पराली की आग में कमी आती है.

प्रशासन की सख्ती का नतीजा 

प्रशासन की ओर से पराली की आग के खिलाफ बेहतर मॉनिटरिंग, सख्त कार्रवाई और मार्केट-बेस्ड सॉल्यूशन की वजह से खेतों में आग लगने की घटनाओं में काफी कमी आई है. दो-चार साल पहले जितनी आग की घटनाएं दर्ज होती थीं, उससे बहुत कम घटनाएं अब दर्ज होती हैं.(बिदिशा साहा का इनपुट)

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