Knowledge: काली मिट्टी में कौन सी फसल उगाई जाती है? ये रही पूरी जानकारी 

Knowledge: काली मिट्टी में कौन सी फसल उगाई जाती है? ये रही पूरी जानकारी 

काली मिट्टी भारत की सबसे उपजाऊ मिट्टियों में से एक है. यह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में ज्यादा पाई जाती है. इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं, जिससे फसलें जल्दी बढ़ती हैं और पैदावार अच्छी होती है. काली मिट्टी में कपास, धान, गेहूं, दलहनी, नकदी और बागवानी फसलें आसानी से उगाई जा सकती हैं.

काली मिट्टी में करें इन फसलों की खेतीकाली मिट्टी में करें इन फसलों की खेती
प्राची वत्स
  • Noida ,
  • Nov 12, 2025,
  • Updated Nov 12, 2025, 12:12 PM IST

काली मिट्टी भारत की सबसे उपजाऊ मिट्टियों में से एक है. यह मिट्टी अपने रंग और गुणों के कारण फसलों के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है. इसमें पौधों के विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसी वजह से काली मिट्टी में फसलें जल्दी बढ़ती हैं और उनकी पैदावार भी अच्छी होती है. भारत में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में काली मिट्टी ज्यादा पाई जाती है. किसान इस मिट्टी में कपास, धान, गेहूं, दलहनी, नकदी और बागवानी फसलें उगा कर अच्छी कमाई करते हैं.

काली मिट्टी कहां पाई जाती है?

काली मिट्टी मुख्य रूप से भारत के मध्य और पश्चिमी हिस्सों में पाई जाती है. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक जैसे राज्यों में यह मिट्टी व्यापक रूप से फैली हुई है. इन राज्यों के किसान इसी मिट्टी में अनाज, फल, सब्जियां और अन्य फसलें उगाकर अच्छा उत्पादन प्राप्त करते हैं.

काली मिट्टी के फायदे

काली मिट्टी में पौधों के विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की संतुलित मात्रा होती है. इसके अलावा यह लौह तत्व, चूना, मैग्नीशियम और एलुमिना जैसी खनिजों से भी भरपूर होती है. यही कारण है कि इस मिट्टी में फसलें कम उर्वरक के इस्तेमाल से भी अच्छी उगती हैं. तो आइए जानते हैं काली मिट्टी में कौन-कौन सी फसल उगाई जा सकती है?

1. कपास की खेती

काली मिट्टी को कपास की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसी कारण इसे ‘काली कपास मिट्टी’ के नाम से भी जाना जाता है.

2. धान और अनाज की फसलें

धान, गेहूं, ज्वार, बाजरा जैसी अनाज की फसलें काली मिट्टी में अच्छी पैदावार देती हैं. इसमें पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होने के कारण फसल तेजी से बढ़ती है.

3. दलहनी फसलें

मसूर, चना और अन्य दलहनी फसलें भी इस मिट्टी में अच्छी तरह उगाई जा सकती हैं. इन फसलों के लिए ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती.

4. तिलहनी और नकदी फसलें

अलसी, सूरजमुखी, मूंगफली जैसी तिलहनी फसलें और गन्ना, तंबाकू जैसी नकदी फसलें भी काली मिट्टी में अच्छी तरह उगती हैं.

5. बागवानी फसलें

काली मिट्टी में आम, सपोटा, अमरूद, केला और खट्टे फल जैसी बागवानी फसलें भी उगाई जा सकती हैं. इसके अलावा सब्जियों का भी अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है.

काली मिट्टी भारत की सबसे उपजाऊ मिट्टियों में से एक है. इसकी खासियत यह है कि इसमें पौधों के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिससे फसलों की पैदावार और गुणवत्ता दोनों बढ़ जाती है. कपास, धान, दलहनी, तिलहनी, नकदी और बागवानी फसलें सभी काली मिट्टी में उगाई जा सकती हैं. इसलिए किसान इस मिट्टी को ‘संपन्न फसल की चाबी’ मानते हैं.

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