Chhath Puja 2023: खरना पूजा, जानें क्या है इस दिन का महत्व, नियम और पूजा विधि 

Chhath Puja 2023: खरना पूजा, जानें क्या है इस दिन का महत्व, नियम और पूजा विधि 

खरना के दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं. इस दिन छठी माता का प्रसाद बनाया जाता है. इस दिन गुड़ की खीर बनाई जाती है. खास बात यह है कि वह खीर मिट्टी के चूल्हे पर बनाई जाती है. प्रसाद तैयार होने के बाद व्रती महिलाएं सबसे पहले इसका सेवन करती हैं, जिसके बाद इसे बांटा जाता है.

छठ पूजा में क्या है खरना का महत्वछठ पूजा में क्या है खरना का महत्व
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Nov 17, 2023,
  • Updated Nov 17, 2023, 1:34 PM IST

छठ का महापर्व 17 अक्टूबर से शुरू हो गया है. छठ का पहला दिन नहाय खाय के रूप में मनाया जाता है. छठ व्रत सबसे कठिन व्रत माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं छठ के नियमों का पालन करती हैं, छठी माता उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा की जाती है. यह त्यौहार चार दिनों तक चलता है. छठ पर्व के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है. खरना का अर्थ है शुद्धिकरण. खरना के दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाने की परंपरा है.

खरना के दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं. इस दिन छठी माता का प्रसाद बनाया जाता है. इस दिन गुड़ की खीर बनाई जाती है. खास बात यह है कि वह खीर मिट्टी के चूल्हे पर बनाई जाती है. प्रसाद तैयार होने के बाद व्रती महिलाएं सबसे पहले इसका सेवन करती हैं, जिसके बाद इसे बांटा जाता है. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. अगले दिन सूर्यास्त के समय व्रती नदी और घाटों पर पहुंचते हैं. जहां डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दौरान सूर्य देव को जल और दूध से अर्घ्य दिया जाता है. साथ ही इस दिन व्रती महिलाएं छठी मैया के गीत भी गाती हैं.

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खरना के दिन करें ये काम

  • खरना पूजा का प्रसाद हमेशा ऐसी जगह बनाना चाहिए जहां रोजाना का खाना न बनता हो.
  • खरना का प्रसाद बनाने के बाद सबसे पहले व्रती को इसका सेवन करना चाहिए.
  • व्रती को किसी शांत स्थान पर बैठकर खरना का प्रसाद ग्रहण करना चाहिए.
  • सूर्य को अर्घ्य दिए बिना कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए.
  • छठ पूजा के दौरान घर में झगड़ा न करें. खासतौर पर व्रत करने वाले को किसी को अपशब्द नहीं कहना चाहिए.

खरना के दिन न करें ये काम

  • अक्सर बच्चे बिना हाथ धोएं गंदे हाथों से खरना का सामान छू लेते हैं. तो भूलकर भी उस सामान का  दोबारा प्रयोग न करें.
  • पूजा में बनने वाला प्रसाद पहले नहीं देना चाहिए.
  • छठ पर्व के दौरान पूरे चार दिन प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • खरना वाले दिन साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, किसी भी चीज को हाथ धोए बिना ना छुएं. 
  • छठ के दौरान महिलाओं को चार दिन तक पलंग पर नहीं सोना चाहिए, उन्हें जमीन पर कपड़ा बिछाकर सोना चाहिए. 

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