BIRC 2025: 30 हजार करोड़ के MoU के साथ हुआ सम्‍मेलन का समापन, जानिए क्‍या रहा खास

BIRC 2025: 30 हजार करोड़ के MoU के साथ हुआ सम्‍मेलन का समापन, जानिए क्‍या रहा खास

BIRC 2025: भारत इंटरनेशनल राइस कॉन्फ्रेंस (BIRC) 2025 का समापन 30,435 करोड़ रुपये के एमओयू साइन के साथ हुआ. दो दिवसीय आयोजन में 10 हजार से अधिक आगंतुक, 1,083 विदेशी खरीदार और 154 प्रदर्शक शामिल रहे.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 01, 2025,
  • Updated Nov 01, 2025, 2:37 PM IST

भारत मंडपम में आयोजित दो दिवसीय भारत इंटरनेशनल राइस कॉन्फ्रेंस (BIRC) 2025 का समापन शुक्रवार को हुआ. इस आयोजन ने न सिर्फ भारत के चावल निर्यात को नई उड़ान दी, बल्कि प्रसंस्करण तकनीक के क्षेत्र में भी नई दिशा दिखाई. एपीडा (APEDA) और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सहयोग से आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश से जबरदस्त भागीदारी रही. कुल 10,854 आगंतुकों में 1,083 अंतरराष्ट्रीय खरीदार और 154 प्रदर्शक शामिल रहे. कार्यक्रम के अंतिम दिन 30,435 करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए गए, जिससे भारत के चावल उद्योग पर बढ़ते वैश्विक भरोसे का संकेत मिला. आयोजकों ने बताया कि अगली बार इसी स्तर का बड़ा आयोजन 2026 में होगा, जिसकी तारीखें जल्द घोषित की जाएंगी.

ट्रैसेबल सप्लाई चेन पर हुई चर्चा

दूसरे दिन चार मुख्य पैनल डिस्कशन हुए. पहले सत्र में ‘क्वालिटी सर्टिफिकेशन और फूड सेफ्टी’ पर चर्चा हुई. इसमें एसजीएस के सौमिक मंडल ने ट्रैसेबल सप्लाई चेन के लिए डिजिटल टैगिंग की जानकारी दी. क्यूसीआई की डॉ. प्रियंका सरकार ने छोटे मिल यूनिट्स में गुणवत्ता की खामियों का जिक्र किया, जबकि एपीडा के तरुण बजाज ने किसानों के लिए हज़ार्ड एनालिसिस पर ट्रेनिंग योजनाओं की रूपरेखा बताई.

आर्गेनिक चावल का निर्यात 30 प्रतिशत बढ़ा

वहीं, दूसरा सत्र ‘ऑर्गेनिक राइस एंड रिलेटेड गुड्स’ पर केंद्रित रहा. इसमें एपीडा अध्यक्ष अभिषेक देव ने बताया कि पिछले साल ऑर्गेनिक चावल के निर्यात में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. डॉ. गगनेश शर्मा ने पंजाब के मिट्टी सुधार प्रयोगों के नतीजे साझा किए, जबकि अनिल जाधव ने ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन की लागत पर प्रकाश डाला.

तीसरे सत्र में ‘लॉजिस्टिक्स, क्रेडिट और इंश्योरेंस’ से जुड़े मुद्दे उठाए गए. ड्रिप कैपिटल के दीपक गांधी ने एक्सपोर्टर्स को सस्ते ऋण विकल्प बताए. ईसीजीसी की अर्पिता सेन ने ऐसे इंश्योरेंस कवर्स की जानकारी दी जो बड़े सौदों में प्रीमियम लागत घटाते हैं.

'MSP को स्थिर रखना जरूरी'

अंतिम सत्र में चर्चा का विषय ‘विकसित भारत 2047 में चावल की भूमिका’ रहा, जहां इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन (IREF) के देव गर्ग ने कहा कि किसानों की स्थिर आय के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को संतुलित रखना जरूरी है.

ईवाई के एसएटी पार्टनर सत्यम शिवम सुंदरम ने कम पानी, जलवायु-स्मार्ट चावल की खेती के लिए कार्बन क्रेडिट की क्षमता पर अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की. कार्यक्रम का समापन भारत की चावल किस्मों पर आधारित कॉफी टेबल बुक के विमोचन और एक्सपोर्टर्स व इनोवेटिव स्टार्टअप्स को सम्मानित करने वाले अवॉर्ड समारोह के साथ हुआ. (एएनआई)

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