
महाराष्ट्र में फसल ऋण का मामला गहराता जा रहा है. अब एक किसान नेता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने उन किसानों को शीघ्र फसल ऋण जारी करने की मांग की है जो बैंक कर्ज की अदायगी में चूक गए हैं. इस किसान नेता ने जोर देकर कहा कि खरीफ सीजन की तबाही के बाद किसानों को फिर से संभलने और खेती शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता बेहद जरूरी है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को किसानों पर कर्ज के सिलसिले में एक समिति के गठन का ऐलान किया है. उनका कहना था कि समिति इस विषय पर विस्तृत अध्ययन कर अपनी सिफारिशें देगी. रिपोर्ट के आधार पर सरकार जून 2026 तक पूर्ण कर्जमाफी पर विचार करेगी.
किसान नेता विजय जवांधिया ने सीएम फडणवीस को एक खास चिट्ठी लिखी है. जवांधिया विदर्भ क्षेत्र के शेतकरी संगठन के संस्थापक सदस्य हैं. उन्होंने सीएम से इस चिट्ठी में अपील की है, 'रबी सीजन नजदीक आ रहा है और अगर किसानों को नए फसल ऋण नहीं मिले तो वे मजबूर होकर निजी साहूकारों की ओर रुख करेंगे. यह स्थिति खतरनाक होगी क्योंकि इससे किसान कर्ज के जाल में और गहराई तक फंस जाएंगे और गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा.'
जवांधिया ने सरकार का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया है खरीफ सीजन के दौरान बाढ़ और भारी बारिश से बड़े स्तर पर फसलों को नुकसान हुआ. इससे कई किसान आर्थिक तंगी में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि नवंबर से शुरू हो रहे रबी सीजन के लिए किसानों को तुरंत ऋण की आवश्यकता है ताकि वे बुवाई शुरू कर सकें. जवांधिया ने यह भी कहा है कि रबी सीजन के तहत बुवाई का क्षेत्रफल खरीफ की तुलना में काफी कम है, रबी में करीब 61 लाख हेक्टेयर, जबकि खरीफ में यह क्षेत्रफल करीब 156 लाख हेक्टेयर तक होता है.
जवांधिया ने मुख्यमंत्री फडणवीस के जून 2026 तक संपूर्ण कर्जमाफी पर विचार करने के फैसले का स्वागत किया. लेकिन साथ ही कहा, 'किसानों को इस समय सबसे ज्यादा जरूरत तुरंत मदद और सहारे की है.' उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार तरफ से घोषित 31,638 करोड़ रुपये के मुआवजा पैकेज के बावजूद किसानों की समस्याओं की जड़ से जुड़े बड़े और मूलभूत मुद्दों पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है.
भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ से हुए फसल नुकसान और मिट्टी के कटाव के बाद महाराष्ट्र सरकार ने बैंकों को निर्देश दिया था कि वे फिलहाल किसानों से ऋण वसूली पर जोर न दें. राज्य सरकार ने किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये का मुआवजा पैकेज भी घोषित किया है. इनमें से 8,000 करोड़ रुपये पहले ही वितरित किए जा चुके हैं, जबकि 11,000 करोड़ रुपये की राशि इस हफ्ते हुई कैबिनेट बैठक में जारी की गई.
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