हैलोविन में फेवरिट कद्दू .... कभी पुर्तगाल से आया भारत, आज हर भारतीय किचन की जान, कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्‍ट्स

हैलोविन में फेवरिट कद्दू .... कभी पुर्तगाल से आया भारत, आज हर भारतीय किचन की जान, कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्‍ट्स

कद्दू एक ऐसी फसल है जो कम लागत में अधिक उत्पादन देती है. इसे खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाया जा सकता है. उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और मध्य प्रदेश जैसे राज्य इसके बड़े उत्पादक हैं. यह छोटे किसानों के लिए आय का स्थायी स्रोत भी बन गया है क्योंकि इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती. कद्दू भारतीय रसोई में एक बेहद ही लोकप्रिय सब्‍जी है.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 01, 2025,
  • Updated Nov 01, 2025, 1:24 PM IST

हर साल हैलोविन के मौके पर दुनियाभर में कद्दू से बने जैक-ओ-लैंटर्न घरों को सजाते हैं. पश्चिमी देशों में यह फल रहस्यमय और डरावने माहौल का प्रतीक माना जाता है, लेकिन भारत में यही कद्दू समृद्धि, सेहत और शुभता का प्रतीक बन गया है. विदेशी त्योहारों में डर फैलाने वाला यह फल भारतीय संस्कृति में धार्मिक अनुष्‍ठान, रसोई और खेती का अहम हिस्सा बन चुका है. लेकिन भारत में इसका इतिहास काफी इंट्रेस्टिंग है और इसका अपना सांस्कृतिक सफर रहा है. 

पुर्तगाल से आया भारत 

कद्दू  जिसे अंग्रेजी में पंपकिन कहते हैं असल में अमेरिकी महाद्वीप का पौधा है. इतिहासकारों के अनुसार 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली व्यापारी इसे भारत लेकर आए थे. भारत की गर्म जलवायु कद्दू की खेती के लिए आदर्श साबित हुई. लेकिन यह धीरे-धीरे देश के हर हिस्से में फैल गया. समय के साथ यह भारतीय खानपान और लोक परंपराओं का अभिन्न हिस्सा बन गया. भारत में कद्दू को शुभ माना जाता है. नवरात्रि और काली पूजा के अवसर पर कई स्थानों पर 'भोपला बली' की परंपरा निभाई जाती है. घर या दुकान की शुरुआत से पहले 'काला कद्दू फोड़ना' बुरी शक्तियों से सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है. 

कहां-कहां होती खेती 

कद्दू एक ऐसी फसल है जो कम लागत में अधिक उत्पादन देती है. इसे खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाया जा सकता है. उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और मध्य प्रदेश जैसे राज्य इसके बड़े उत्पादक हैं. यह छोटे किसानों के लिए आय का स्थायी स्रोत भी बन गया है क्योंकि इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती. कद्दू भारतीय रसोई में एक बेहद ही लोकप्रिय सब्‍जी है. उत्तर भारत में इसे मसालेदार सब्‍जी या हलवे के रूप में बनाया जाता है. वहीं दक्षिण भारत में यह सांभर, अवियल और कूटू जैसी पारंपरिक डिशों में डाला जाता है. पूर्वी भारत में इसे दालों के साथ मिलाकर पौष्टिक व्यंजन तैयार किए जाते हैं. 

हेल्‍दी भी है कद्दू 

इसके बीज यानी पंपकिन सीड्स प्रोटीन और जिंक से भरपूर माने जाते हैं. बीजों को चटनी या स्नैक के तौर पर खाए जाते हैं. आयुर्वेद में कद्दू को शीतल, पित्तनाशक और पाचन में सहायक बताया गया है. यह विटामिन A, फाइबर, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. कद्दू के बीज हार्ट, किडनी और त्वचा के लिए फायदेमंद माने जाते हैं.

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