'मास्टरजी का बेटा', एक किसान और एक कवि...जस्टिस सूर्यकांत बनेंगे देश के 53वें चीफ जस्टिस

'मास्टरजी का बेटा', एक किसान और एक कवि...जस्टिस सूर्यकांत बनेंगे देश के 53वें चीफ जस्टिस

भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने की घोषणा से जस्टिस सूर्यकांत के गांव पेटवार में खुशी की लहर. बचपन में कविताएं लिखने वाले और मेहनती छात्र रहे सूर्यकांत अब हरियाणा के पहले चीफ जस्टिस होंगे.

Justice Surya KantJustice Surya Kant
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Oct 31, 2025,
  • Updated Oct 31, 2025, 5:49 PM IST

जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को भारत के 53वें चीफ जस्टिस और हरियाणा के पहले चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ लेंगे. जैसे ही उनके नाम की घोषणा हुई, उनके गांव और परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. गांव और परिवार के लोग अब पुरानी बातों को याद कर जस्टिस सूर्यकांत की तारीफ कर रहे हैं. जस्टिस सूर्यकांत का जन्म हरियाणा के पेटवार गांव में हुआ है.

'मास्टरजी का बेटा', एक किसान और एक कवि - हरियाणा के पेटवार गांव में इन सभी नामों के साथ जस्टिस सूर्यकांत को याद किया जा रहा है. उनके गांव वाले और उनके परिवार के लोग उन्हें इसी तरह याद करते हैं. गुरुवार को उन्हें भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है.

जस्टिस सूर्यकांत के गांव में खुशी की लहर

पेटवार में, जस्टिस सूर्यकांत के बड़े भाई ऋषि कांत ने 'NDTV' को बताया कि उनके पिता अविभाजित पंजाब में संस्कृत के टीचर थे. चार भाइयों में सबसे छोटे, जस्टिस सूर्यकांत शुरू से ही बहुत होशियार स्टूडेंट थे और खेलों में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी. ऋषि कांत ने याद करते हुए कहा, "मैंने सूर्यकांत में एक किसान और एक मजदूर दोनों को देखा है. वह आज भी गांव के लोगों के बारे में पूछते हैं."

ऋषि कांत ने बताया कि जस्टिस सूर्यकांत एक कवि भी हैं और जब वह कॉलेज में थे, तो उनकी एक कविता, 'मेंढ़ पर मिट्टी चढ़ा दो', बहुत पॉपुलर हुई थी.

भाई ने कहा, "उन्होंने हाई स्कूल तक गांव के स्कूल में पढ़ाई की. मुझे गर्व है कि मेरा भाई इतने ऊंचे पद पर है, और सभी को उम्मीद है कि वह हर आम आदमी को न्याय दिलाने के लिए काम करेंगे, ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने आर्मी के जवानों के लिए लीगल एड स्कीम शुरू की थी."

अगले CJI को ऐसे याद कर रहे लोग

जस्टिस सूर्यकांत की भाभी राजबाला ने बताया कि जब उनकी शादी हुई थी तब वह दस साल के थे और ज्यादातर समय उनके साथ ही रहते थे. उन्होंने बताया कि उन्हें खाना खिलाना, तैयार करना और स्कूल भेजना उनका ही काम था.

राजबाला ने यह भी याद किया कि सूर्यकांत उन्हें 'गोदारा साहब' कहकर बुलाते थे और आज भी कभी-कभी बुलाते हैं. उस समय मणि राम गोदारा हरियाणा के गृह मंत्री थे और वह छोटा लड़का उन्हें इसलिए ऐसा कहता था क्योंकि वह उन्हें घर का गृह मंत्री मानता था.

पेटवार गांव के लोग भी जश्न मना रहे हैं. एक गांव वाले ने कहा, "जस्टिस सूर्यकांत ने गांव का नाम बहुत ऊंचा किया है. हमारे 'मास्टरजी का बेटा' इतने ऊंचे पद पर पहुंचा है, इससे गांव के युवाओं को प्रेरणा मिली है."

जस्टिस सूर्यकांत के बारे में खास बातें

जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस भूषण आर. गवई की जगह लेंगे, जो 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. केंद्रीय कानून मंत्रालय के न्याय विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी कर उनकी नियुक्ति की घोषणा की. वह लगभग 15 महीने तक CJI रहेंगे और 65 साल की उम्र पूरी होने पर 9 फरवरी, 2027 को रिटायर हो जाएंगे.

जस्टिस कांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार जिले में एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था और वह 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. वह देश के सबसे बड़े न्यायिक पद पर अपने साथ बेंच पर दो दशकों का अनुभव लेकर आए हैं, जिसमें आर्टिकल 370 को हटाने, बोलने (अभिव्यक्ति) की आजादी, लोकतंत्र, भ्रष्टाचार, पर्यावरण और लैंगिक समानता पर ऐतिहासिक फैसले शामिल हैं.

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