बिहार के 10 जिले जहां सबसे अधिक उपजता है मखाना, एक-एक का नाम जान लें

बिहार के 10 जिले जहां सबसे अधिक उपजता है मखाना, एक-एक का नाम जान लें

मखाने की खेती और पैदावार का जिक्र हो तो बिहार के आगे कोई नहीं है. मखाने की खेती पूरे बिहार में नहीं बल्कि एक छोटे और दुनियाभर में विशेष पहचान रखने वाले मिथिलांचल में होती है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक पूरी दुनिया के उत्पादन का लगभग 90 फीसदी उत्पादन अकेले बिहार में होता है.

मखाना की खेती
संदीप कुमार
  • Noida,
  • May 10, 2024,
  • Updated May 10, 2024, 6:36 PM IST

मखाने के बारे में हम सब अच्छी तरह से जानते हैं. इसकी पहचान ड्राई फ्रूट्स के रूप में की जाती है. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के कारण ये हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. वहीं मखाने का इस्तेमाल व्रत और अनुष्ठानों में प्रसाद के रूप में भी किया जाता है जिसके कारण मखाने की बाजार मांग पूरे साल बनी रहती है. साथ ही इसकी मांग सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जोरों पर बनी रहती है.

मखाने के उपयोग और फायदों के बारे में तो सभी जानते हैं. लेकिन शायद आप ये नहीं जानते होंगे कि पूरी दुनिया में 90 फीसदी मखाने की खेती सिर्फ बिहार में की जाती है. साथ ही आप ये भी जान लीजिए की ये बिहार के सिर्फ 10 जिलों में ही की जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि बिहार के किन 10 जिलों में की जाती है मखाने की खेती.

इन 10 जिलों में होती है अधिक खेती

मखाने की खेती और पैदावार का जिक्र हो तो बिहार के आगे कोई नहीं है. मखाने की खेती पूरे बिहार में नहीं बल्कि एक छोटे और दुनियाभर में विशेष पहचान रखने वाले मिथिलांचल में होती है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक पूरी दुनिया के उत्पादन का लगभग 90 फीसदी उत्पादन अकेले बिहार में होता है. वहीं बात 10 जिलों की करें तो इसमें, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज शामिल है. इन जिलों के मखाने की बेहतर क्वालिटी को देखते हुए उसे GI Tag भी दिया गया है. आज यहां के मखाने को मखाना नहीं बल्कि मिथिला मखाने के नाम से भी जाना जाता है.

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जानिए मखाने से होने वाले फायदे

मखाने में आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज, फास्फोरस, सोडियम, मैग्नीशियम आदि आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मखाने का रोजाना सेवन मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी बीमारियों में फायदेमंद होता है. मखाने की सबसे खास बात यह है कि इसे हर उम्र के लोग आसानी से खा सकते हैं और पाचन में भी कोई समस्या नहीं आती है. यही कारण है कि आज के समय में हर कोई इसका सेवन कर रहा है.

मखाने में पाए जाने वाले पोषक तत्व

मखाना के कच्चे लावा में 9.7 प्रतिशत प्रोटीन, 76.9 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 0.1 प्रतिशत वसा, 1.3 प्रतिशत खनिज (कैल्शियम 20 मिलीग्राम, फास्फोरस 90 मिलीग्राम, आयरन 1400 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम) और 12.8 प्रतिशत नमी होती है.

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