सदियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बन रहे मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी में होगी. पर्यटकों और रामभक्तों के स्वागत के लिए जहां रामनगरी को सजाया संवारा जा रहा है वहीं अब अयोध्या शहर की बेहतर प्लानिंग के लिए इसकी हैट मैपिंग की जाएगी. इस अध्ययन से अयोध्या के अलग अलग हिस्सों में तापमान का पता लगाया जा सकेगा. इससे तेज़ी से विकसित हो रहे अयोध्या की सुनियोजित विकास और निर्माण में मदद मिलेगी.
500 साल के बाद रामभक्तों की प्रतीक्षा पूरी होने वाली है. चारों ओर उल्लास है और 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारी चल रही है. राम मंदिर का निर्माण तेज़ी से चल रहा है, तो दूसरी ओर अयोध्या शहर को रामभक्तों और पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार किया जा रहा है. लेकिन इस बीच अयोध्या में हो रहे बड़ी संख्या में निर्माण कार्य से पर्यावरण का संतुलन बनाने की कोशिश भी सरकार ने शुरू कर दी है.
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अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी अयोध्या के हीट मैपिंग पर काम करेगा. इस बात के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण के साथ इस क्षेत्र में विशेषज्ञ शोध संस्था बेल्जियम की वीटो के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं. इस अध्ययन से राम नगरी का तापमान पता चल सकेगा.
विशेषज्ञ सुरुचि भदवाल बताती है कि इस क्षेत्र की जानी जानी शोध संस्था बेल्जियम की वीटो भी AKTU के साथ मिलकर अयोध्या की हीट मैपिंग के काम में योगदान देगी. दरअसल अयोध्या में मंदिर निर्माण के बाद आने वाले समय में पर्यटक और श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ने की उम्मीद है. ऐसे में अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाने में यहां सुविधाओं के विकास की बड़ी भूमिका होगी.
बड़ी संख्या में नए होटल, रेस्टोरेंट और यात्री सुविधाओं का विकास हो रहा है. वहीं मंदिर बन जाने के बाद आबादी और यात्रियों का दबाव भी बढ़ने वाला है. सुनियोजित प्लान तैयार हो सके उससे लिए ये जानना ज़रूरी है कि अयोध्या का कौन सा हिस्सा कितना गर्म है. हीट मैपिंग इसका आंकड़ा पेश करता है, विशेषज्ञ कहते हैं कि ये अध्ययन और प्लानिंग इसलिए ज़रूरी है कि कि गर्मी से राहत यानी थर्मल कम्फर्ट बना रहे.
दरअसल किसी भी नगर की प्लानिंग में ये जानना ज़रूरी है कि कौन सी जगह पर ज़्यादा गर्मी होती और कहां शीतलता. अयोध्या के तापमान के अध्ययन के साथ ही ये बात रामनगरी को लेकर आने वाले समय में होने वाले निर्माण कार्य को भी आसान करेगी. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने भाषणों में कई बार ‘नव्य अयोध्या’ का ज़िक्र कर चुके हैं. ऐसे में अयोध्या की हीट मैपिंग और तापमान का अध्ययन कर AKTU की टीम और अयोध्या विकास प्राधिकरण अयोध्या को दुनिया के सबसे ख़ूबसूरत और आरामदेह पर्यटन स्थल बनाने के लिए काम करेंगे.
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