Wheat Herbicides: बहुत काम की हैं ये गेहूं की 6 खरपतवार नाशक दवाइयां, कीमत 100 रुपये से शुरू

Wheat Herbicides: बहुत काम की हैं ये गेहूं की 6 खरपतवार नाशक दवाइयां, कीमत 100 रुपये से शुरू

गेहूं से अगर खरपतवार को न हटाया जाए तो गेहूं का विकास रुक सकता है. इससे गेहूं की पैदावार भी प्रभावित होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए किसानों को गेहूं के खेत में ऐसी दवाओं का छिड़काव जरूर करना चाहिए जिससे खरपतवार का नाश हो और फसल की वृद्धि तेजी से बढ़े.

गेहूं में खरपतवार नाशक दवा का इस्तेमाल जरूरी हैगेहूं में खरपतवार नाशक दवा का इस्तेमाल जरूरी है
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 30, 2023,
  • Updated Sep 30, 2023, 7:20 AM IST

गेहूं का सीजन शुरू होने वाला है. कुछ दिनों बाद इसकी बुआई शुरू हो जाएगी. बुआई के कुछ दिनों बाद ही किसानों को गेहूं के पौधे के साथ कई तरह के खरपतवार दिखने लगेंगे. ये ऐसी घासें होती हैं जो गेहूं के बढ़वार को रोकती हैं. जो पोषण गेहूं के पौधे को मिलना चाहिए, उसे खरपतवार खा जाते हैं जिससे गेहूं के विकास पर बुरा असर होता है. इसलिए किसानों के लिए खरपतवार को नाश करना जरूरी हो जाता है. ऐसे में किसानों को यह जरूर जानना चाहिए कि कौन सा खरपतवार नाशक उनके लिए सस्ता और सुविधाजनक होगा ताकि फसल की लागत अधिक न बढ़े.

इसी को ध्यान में रखते हुए हम यहां छह तरह के खरपतवार नाशक के बारे में बताएंगे जो किसानों को कम दाम में उपलब्ध होंगे. वह भी इफको बाजार पर. इफको बाजार ऑनलाइन पोर्टल है जिसे इफको संचालित करती है. इस ऑनलाइन पोर्टल से किसान सस्ते में खरपतवार नाशक दवाई घर बैठे मंगवा सकते हैं. आइए इन छह दवाओं की लिस्ट देख लेते हैं, और कीमत भी.

  • कोकोरो (क्लोडिनाफॉप प्रोपरजिल 15%WP)-160g- 320 रुपये
  • जकियामा (पेंडीमेथालिन 30%EC)-1 ltr- 600 रुपये
  • तनोशी (मेट्रिबुजिन 70%WP)-500g- 850 रुपये
  • रेकिशी (सल्फोसल्फ्यूरोन 75%WG)-13.50g- 440 रुपये
  • मकोटा (मेटसलफ्यूरोन मेथाइल 20% WP)- 8g- 100 रुपये
  • नोबिरू (2,4-D Amine Salt 58%SL)- 400 ml- 155 रुपये

खरपतवार नाशक दवा का फायदा

ऊपर बताई गई दवाओं का छिड़काव करने से कई तरह के खरपतवार एक साथ नष्ट हो जाते हैं. इस दवा की मदद से कम से कम मेहनत में अधिक खरपतवार को नष्ट किया जा सकता है. इससे गेहूं के पौधों पर कोई उलटा असर नहीं होता. छिड़काव से गेहूं को कोई नुकसान नहीं होता जबकि हाथ से खरतवार निकालने से नए-नए पौधे टूट जाते हैं.

ये भी पढ़ें: Kharif Crops Area: धान, म‍िलेट्स और गन्ना का एर‍िया बढ़ा, त‍िलहन और कॉटन ने क‍िया न‍िराश 

खरपतवार नाशक दवाई दो तरह की होती है. 1-प्री-इमरजेंट हर्बीसाइड. इस दवा को गेहूं के खेत में तब मिलाते हैं जब गेहूं के पौधे उगा न हों. इससे खरपतवार का समूल नाश हो जाता है और पूरे गेहूं सीजन के लिए खरपतवार खत्म हो जाते हैं. 2-पोस्ट इमरजेंट हर्बीसाइड. यह दवा ऐसी होती है जो कई केमिकल का मिक्सचर होती है और इसे खरपतवार पर छिड़कते हैं. इससे खरपतवार का नाश होता है और वे दोबारा नहीं पनपते हैं.

छिड़काव में इन 6 बातों का रखें ध्यान

  • हर्बीसाइड छिड़कते समय मिट्टी में नमी होनी चाहिए. यह प्री और पोस्ट इमरजेंट, दोनों तरह की दवाई के लिए जरूरी है.
  • पोस्ट इमरजेंट खरपतवार का छिड़काव तभी करें जब खरपतवार में 2-3 पत्ते आ गए हों.
  • दवा तभी छिड़के जब खरपतवार के पत्तों पर नमी या पानी न हो.
  • दवा छिड़काव के लिए फ्लैट फैन या जेट नोजल वाले स्प्रे का ही प्रयोग करें.
  • अगर गेहूं और सरसों की बुआई एक ही खेत में की गई है, तो उसमें सल्फोसल्फ्यूरोन दवा का छिड़काव न करें.
  • दवा का फायदा अधिक मिले, इसके लिए दवा को मिलाते वक्त स्प्रेडिंग एजेंट या स्टिकिंग एजेंट का उपयोग करें.

ये भी पढ़ें: Advisory for Farmers: पूसा ने क‍िसानों के ल‍िए जारी की नई एडवाइजरी, जान‍िए खास बातें 

 

MORE NEWS

Read more!