Kharif Crops Area: धान, म‍िलेट्स और गन्ना का एर‍िया बढ़ा, त‍िलहन और कॉटन ने क‍िया न‍िराश 

Kharif Crops Area: धान, म‍िलेट्स और गन्ना का एर‍िया बढ़ा, त‍िलहन और कॉटन ने क‍िया न‍िराश 

केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय ने खरीफ फसलों का फाइनल एर‍िया जारी क‍िया. इस साल कुल खरीफ फसलों का एर‍िया 1107.15 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा जो अपने आप में र‍िकॉर्ड है. बिहार में सबसे ज्यादा 4.89 लाख हेक्टेयर में ज्यादा हुई धान की रोपाई. कर्नाटक और महाराष्ट्र में कम हुआ दलहन फसलों का रकबा. 

Advertisement
Kharif Crops Area: धान, म‍िलेट्स और गन्ना का एर‍िया बढ़ा, त‍िलहन और कॉटन ने क‍िया न‍िराश खरीफ फसलों की क‍ितनी हुई बुवाई (Photo-Kisan Tak).

केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों के रकबे का फाइनल आंकड़ा जारी कर द‍िया है. इसमें धान की खेती प‍िछले साल के मुकाबले 7.68 लाख हेक्टेयर में बढ़ गई है. लेक‍िन दलहन फसलों का एर‍िया 5.41 लाख हेक्टेयर कम हो गया है. इसका मतलब यह है क‍ि इस समय द‍िख रही चावल की क्राइस‍िस अगले कुछ महीनों में खत्म हो सकती है, लेक‍िन दालों का संकट बढ़ेगा. दालें हमें पहले से अध‍िक आयात करनी होंगी. इससे दालों की महंगाई तय मान‍िए. भारत में कुल खरीफ फसलों का एर‍िया 1095.27 लाख हेक्टेयर है. जबक‍ि इस बार उससे कहीं अध‍िक 1107.15 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है. खाद्यान्न के मोर्चे पर यह अच्छी खबर है. 

केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय की र‍िपोर्ट के अनुसार देश में इस बार 411.96 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हुई है. जबक‍ि साल 2022 में 404.27 लाख हेक्टेयर ही एर‍िया कवर हुआ था. बिहार में र‍िकॉर्ड 4.89 लाख हेक्टेयर एर‍िया बढ़ा है. झारखंड में 3.04 लाख हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल में 1.80 लाख हेक्टेयर, हरियाणा में 1.29 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 1.23 लाख हेक्टेयर और छत्तीसगढ़ में 1.23 लाख हेक्टेयर अध‍िक बुवाई हुई है. इसके अलावा पंजाब, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, नागालैंड और मेघालय में भी एर‍िया बढ़ गया है.

इसे भी पढ़ें: स्वामीनाथन आयोग का एमएसपी वाला हथियार, किसान आंदोलनों को दे रहा धार...क्यों लागू नहीं कर रही सरकार?

दलहन के मोर्चे पर न‍िराशाजनक हालात  

इस बार दलहन फसलों का एर‍िया काफी प‍िछड़ गया है. स‍िर्फ 123.57 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हो सकी है. जबक‍ि प‍िछले साल 128.98 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी. अरहर की बुवाई 2.26 लाख हेक्टेयर प‍िछड़ी है. मूंग की बुवाई 2.06 लाख हेक्टेयर कम हो गई है. कर्नाटक में 2.98 लाख हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 2.66 लाख हेक्टेयर एर‍िया कम हो गया है. यह दोनों प्रमुख अरहर उत्पादक प्रदेश हैं. इसके अलावा आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु और हरियाणा में भी एर‍िया कम हो गया है.  

मोटे अनाजों के एर‍िया में उछाल 

मोटे अनाजों का एर‍िया र‍िकॉर्ड 3.25 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. इस साल 188.02 लाख हेक्टेयर में ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का और स्माल म‍िलेट्स की खेती हुई है. जबक‍ि प‍िछले साल इसका एर‍िया 184.77 लाख हेक्टेयर था. इंटरनेशनल ईयर ऑफ म‍िलेट्स का असर बुवाई पर भी द‍िखाई दे रहा है. मध्य प्रदेश में 1.68 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 0.82 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 0.65 लाख हेक्टेयर, ओडिशा में 0.60 लाख हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 0.47 लाख हेक्टेयर एर‍िया बढ़ गया है. इसके अलावा झारखंड, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, असम, उत्तराखंड और पंजाब में भी मोटे अनाजों का एर‍िया बढ़ा है. 

त‍िलहन फसलों का एर‍िया घटा 

खाद्य तेलों पर भारत की न‍िर्भरता दूसरे देशों पर और बढ़ेगी. वजह यह है क‍ि इस बार त‍िलहन फसलों का एर‍िया 3.16 लाख हेक्टेयर घट गया है. कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार इस साल 29 स‍ितंबर तक खरीफ सीजन के सभी त‍िलहन फसलों का एर‍िया 193.23 लाख हेक्टेयर पर ही स‍िमट गया है. जबक‍ि प‍िछले साल यानी 2022 में इस इसका फाइनल एर‍िया 196.39 लाख हेक्टेयर था. मूंगफली की बुवाई 1.62 और सूरजमुखी की बुवाई 1.31 हेक्टेयर में घट गई है. त‍िलहन फसलों का एर‍िया सबसे ज्यादा 2.61 लाख हेक्टेयर आंध्र प्रदेश में घटा है. इसके बाद 2.08 लाख हेक्टेयर की ग‍िरावट कर्नाटक में आई है. तमिलनाडु, गुजरात, बिहार, असम, त्रिपुरा, सिक्किम, हरियाणा और पंजाब में भी एर‍िया घट गया है.

इसे भी पढ़ें: MS Swaminathan: भारत में कैसे आई हर‍ित क्रांत‍ि, क्या था एमएस स्वामीनाथन का योगदान?

गन्ना का एर‍िया बढ़ा 

इस साल देश में गन्ने का रकबा 4.25 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. कुल 59.91 लाख हेक्टेयर में इसकी बुवाई हुई है. जबक‍ि प‍िछले साल 55.66 लाख हेक्टेयर ही कवरेज था. गन्ने की बुवाई उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बढ़ गई है. दूसरी ओर, कॉटन का कवरेज 3.86 लाख हेक्टेयर कम हो गया है. कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार इस बार 123.87 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती हुई है, जबक‍ि प‍िछले साल 127.73 लाख हेक्टेयर की कवरेज थी.  

POST A COMMENT