Pesticide Ban: यूपी में बासमती निर्यात पर उठाया गया बड़ा कदम, 11 कीटनाशक हुए बैन 

Pesticide Ban: यूपी में बासमती निर्यात पर उठाया गया बड़ा कदम, 11 कीटनाशक हुए बैन 

Basmati Rice: यूपी के जिन 30 जिलों में यह रोक लगाई गई है, उनमें आगरा, अलीगढ़, औरैया, बागपत, बरेली, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मैनपुरी, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, शामली, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर और संभल शामिल हैं. 

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 24, 2025,
  • Updated Aug 24, 2025, 10:37 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने बासमती चावल की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और उसके अंतरराष्‍ट्रीय निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. हाथरस समेत प्रदेश के 30 जिलों में 11 कीटनाशकों की बिक्री पर आगामी 60 दिनों के लिए रोक लगा दी गई है. यह आदेश राज्यपाल की मंजूरी के बाद 1 अगस्त से प्रभावी हो गया है. भारत का बासमती चावल अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में बड़ी मांग रखता है. लेकिन कुछ कीटनाशकों के अवशेष पाए जाने पर निर्यात में दिक्कतें आती हैं. यही वजह है कि सरकार ने यह कदम उठाया है. अधिकारियों का मानना है कि इस सख्ती से चावल की गुणवत्ता बढ़ेगी और विदेशों में भारत का बासमती ब्रांड और मजबूत होगा. 

किन जिलों में लागू हुआ प्रतिबंध

जिन 30 जिलों में यह रोक लगाई गई है, उनमें आगरा, अलीगढ़, औरैया, बागपत, बरेली, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मैनपुरी, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, शामली, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर और संभल शामिल हैं. 

किन-किन कीटनाशकों पर रोक

बासमती चावल में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले जिन कीटनाशकों को बैन किया गया है, उनमें शामिल हैं —

  • ट्राईसाइक्लाजोल
  • ब्यूप्रोफेजिन
  • एसीफेट
  • क्लोरोपाइरीफास
  • टेबुकोनोजोल
  • प्रोपिकोनाजोल
  • थायोमेथाक्साम
  • प्रोफेनोफास
  • इमिडाक्लोप्रिड
  • कार्बेंडजिम
  • कार्वोफ्यूरान

इनकी किसी भी प्रकार की फॉर्मूलेशन (फार्म) की बिक्री पर पूरी तरह से रोक होगी. 

कार्रवाई का प्रावधान

जिला कृषि अधिकारी निखिल देव तिवारी ने जानकारी दी कि यदि किसी डीलर या विक्रेता द्वारा प्रतिबंधित कीटनाशकों की बिक्री की जाती है, तो उसके खिलाफ कीटनाशी अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे बासमती चावल की खेती में जैव कीटनाशकों का इस्तेमाल करें. इसमें नीम ऑयल, ट्राईकोडरमा, ब्युवेरिया बेसियाना, स्यूडोमोनास, मैटाराइजियम, बीटी और एनपीवी को शामिल किया गया है. 

सुझाए कुछ वैकल्पित उपाय 

साथ ही कुछ वैकल्पिक उपायों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जैसे —

  • लाइट ट्रैप
  • फेरोमोन ट्रैप
  • स्टिकी ट्रैप
  • ट्राइकोकार्ड

एक महीने पहले कर दे बंद 

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फसल की कटाई से कम से कम एक महीने पहले कीटनाशकों का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर देना चाहिए, ताकि धान में कोई भी हानिकारक अवशेष न रह जाए. इससे बासमती चावल की गुणवत्ता बरकरार रहेगी और निर्यात पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. 

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