महाराष्ट्र में अभी किसान बाबासाहेब सुभाष सरोदे की आत्महत्या का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि एक और किसान ने मौत को गले लगा लिया है. बारिश से तबाह नांदेड़ जिले के कंधार तालुका के 45 साल के किसान सूर्यकांत मागले ने गुरुवार को आत्महत्या कर ली है. अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि 70 साल की मां अपने बेटे की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और 24 घंटे के अंदर ही सदमे से उनकी भी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि नांदेड़ा यह किसान भारी कर्ज से परेशान था. यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब डिप्टी सीएम अजित पवार ने किसानों से अपील की है कि वो कोई गलत कदम न उठाएं.
कंधार के तहसीलदार रामेश्वर गोरे ने बताया कि फुलवाल गांव के मृतक किसान सूर्यकांत अपनी करीब दो एकड़ पुश्तैनी जमीन पर खेती करते थे. गोरे ने कहा कि मंगनाले ने स्थानीय ऋण सहकारी समिति से 50,000 रुपये का कर्ज लिया था. वह नांदेड़ जिले में हाल ही में हुई भारी बारिश से प्रभावित किसानों में से एक थे. अधिकारियों के अनुसार, मंगनाले ने चालू खरीफ सीज़न में सोयाबीन की खेती की थी. गोरे के अनुसार उन्होंने आधिकारिक तौर पर इस मामले को सरकारी मुआवजे के योग्य किसान आत्महत्या के तौर पर दर्ज किया है. फुलवाल गांव में फसल के नुकसान की सही मात्रा का पता पंचनामा प्रक्रिया पूरी होने के बाद लगाया जाएगा. एक अधिकारी ने बताया कि मंगनाले के परिवार में उनके पिता, पत्नी, बेटा और बेटी समेत पारिवार के बाकी सदस्य हैं.
हाल ही में हुई भारी बारिश और उससे जुड़ी बाढ़ से मराठवाड़ा के करीब 4.4 लाख किसान प्रभावित हुए हैं. इनमें नांदेड़ जिले के 3.2 लाख से ज्यादा किसान प्रभावित हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मराठवाड़ा में 3.6 लाख हेक्टेयर से ज्यादा पर फसल को नुकसान होने का अनुमान है. इसमें से नांदेड़ जिले में 2.6 लाख हेक्टेयर में नुकसान हुआ है. किसान अधिकार कार्यकर्ता जयाजी सूर्यवंशी ने बारिश से प्रभावित किसानों के लिए तुरंत सरकारी सहायता की मांग की. उन्होंने कहा, 'फसल बीमा दावों के निपटारे की प्रक्रिया में काफी समय लगता है. राज्य सरकार को जल्द से जल्द किसानों को मुआवजा देना चाहिए.'
डिप्टी सीएम अजित पवार ने पिछले दिनों किसानों से अनुरोध किया है कि वो कोई भी गलत कदम न उठाएं. उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया है कि सरकार उन्हें राहत प्रदान करने के लिए कई उपाय कर रही है. उपमुख्यमंत्री के अनुसार सरकार ने नुकसान का आकलन करने के लिए पंचनामा प्रक्रिया शुरू कर दी है. पुणे में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'स्थिति कुल मिलाकर नियंत्रण में है और तदनुसार मुआवजा दिया जाएगा.' राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भारणे ने कहा कि अगस्त में हुई भारी बारिश ने कोंकण, पश्चिमी महाराष्ट्र, उत्तरी महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ के क्षेत्रों में फैले 19 जिलों में 20.12 लाख एकड़ में फैली फसलों को नुकसान पहुंचाया है.
वहीं किसानों की आत्महत्या के मामले को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर आक्रामक बना हुआ है. महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने किसानों की आत्महत्या के मामले में राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य में रोजाना छह किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन महायुति सरकार को कोई चिंता नहीं है. सपकाल ने मीडिया से बात करते हुए फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार की कृषि ऋण माफी में देरी के लिए आलोचना की.
पिछले दिनों अहिल्यानगर जिले के नेवासा तालुका में एक किसान बाबासाहेब सुभाष सरोदे ने आत्महत्या कर ली है. उसके बाद से लगातार विपक्ष फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार को लेकर आक्रामक बना हुआ है. सरोदे की हत्या के बाद आए वीडियो के बाद से सरकार के लिए मुश्किलें और बढ़ गई हैं. वीडियो में वह सरकार पर किसान हितैषी फैसले न लेने और फसल ऋण माफी की घोषणा न करने का आरोप लगाते दिख रहे हैं. प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और पूर्व विधायक बच्चू कडू ने कहा कि सरोदे का वीडियो बेहद दिल दहला देने वाला है.
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