Sunflower farming: सूरजमुखी की खेती है फायदे का सौदा, जानें एक हैक्टेयर में क‍ितना मुनाफा

Sunflower farming: सूरजमुखी की खेती है फायदे का सौदा, जानें एक हैक्टेयर में क‍ितना मुनाफा

सूरजमुखी की खेती तिलहन फसल के अंतर्गत की जाती है. देश में सूरजमुखी को नकदी फसल के रूप में जाना जाता है. किसान सूरजमुखी की खेती रबी, जायद और खरीफ तीनों सीजन में कर सकते हैं. मार्च का महीना सूरजमुखी की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. इसकी खेती में कम लागत में ज्यादा मुनाफा होता है

सूरजमुखी की खेती सूरजमुखी की खेती
धर्मेंद्र सिंह
  • lucknow ,
  • Jun 02, 2023,
  • Updated Jun 02, 2023, 1:11 PM IST

सूरजमुखी की खेती... देश में सूरजमुखी को नकदी फसल के रूप में जाना जाता है. किसान सूरजमुखी की खेती रबी, जायद और खरीफ तीनों सीजन में कर सकते हैं. मार्च का महीना सूरजमुखी की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. इसकी खेती में कम लागत में ज्यादा मुनाफा होता है. हाल के दिनों में सूरजमुखी की खेती किसानों के द्वारा ज्यादा क्षेत्रफल पर की जाने लगी है क्योंकि इस खेती में लगने वाले कीट और चिड़ियों का खतरा अब कम हो गया है.

सूरजमुखी की खेती में लागत कम और ज्यादा मुनाफा

सूरजमुखी की खेती कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है. इसके बीजों में 45 से 50 फ़ीसदी तक तेल पाया जाता है. बदलती जलवायु के मुकाबले यह एक मुनाफे की खेती के तौर पर जानी जाती है. देश में हर साल 15 लाख हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर किसानों के द्वारा सूरजमुखी की खेती की जाती है. देश के भीतर तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में इसकी खेती किसानों के द्वारा हो रही है. सूरजमुखी की खेती का सबसे उपयुक्त समय जायत के मौसम में है मार्च महीना. अगर इसकी बुवाई मार्च में की जाती है तो मई में यह फसल तैयार हो जाती है. सूरजमुखी की खेती के लिए किसानों को शुष्क जलवायु की जरूरत होती है. बुवाई के समय 15 डिग्री सेल्सियस तक तापमान उपयुक्त रहता है. वहीं इसकी मिट्टी का पीएच भी 5 से 7 के बीच होना चाहिए. सूरजमुखी की बुवाई करने से 70 से 80 दिन में इसकी फसल तैयार हो जाती है. वही प्रति एकड़  10 क्विंटल तक इसकी पैदावार होती है.

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सूरजमुखी से बढ़ रही है किसानों की आय

सूरजमुखी की खेती करने से किसानों की आय में अब इजाफा होने लगा है. एक हेक्टेयर में सूरजमुखी की खेती करने से किसान 25 क्विंटल तक पैदावार होती है. वहीं इसके बीच 4000 रुपये क्विंटल तक आसानी से बिक जाते हैं. इस लिहाज से एक हेक्टेयर में किसान 100000 रुपये तक की कमाई बड़े आसानी से कर सकता है.

सूरजमुखी के लिए अब कीटों का खतरा हुआ कम

मिर्जापुर जनपद के अदलपुरा के रहने वाले किसान त्रिपुरारी सिंह पटेल ने 2 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सूरजमुखी की खेती की है. उन्होंने किसान तक को बताया की सूरजमुखी की खेती करने में पहले काफी ज्यादा समस्या होती थी. इसीलिए ज्यादातर किसानों ने इसकी खेती करना कम कर दिया था. सूरजमुखी की खेती के लिए सबसे बड़ी समस्या की और चिड़ियों का लगना है, लेकिन इस साल उन्होंने जब सूरजमुखी की खेती की है तो न उनकी फसल में कीट लगे हैं और ना ही किसी भी तरह की चिड़िया. इससे उनकी फसल की पैदावार भी बहुत अच्छी है और यहां तक की लागत भी कम आई है. सूरजमुखी की खेती करने से जहां किसानों का मुनाफा बढ़ेगा. वहीं सरकार की भी दूसरे देशों पर आयल आयात में निर्भरता कम होगी.

 

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