Seed Testing: सीबकथॉर्न और हिमालयी कुटू के बीजों का धरती से दूर अंतरिक्ष में हो रहा है ट्रायल

Seed Testing: सीबकथॉर्न और हिमालयी कुटू के बीजों का धरती से दूर अंतरिक्ष में हो रहा है ट्रायल

इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्‍चर रिसर्च (आईसीएआर) की तरफ से बताया गया है कि बीजों को एक खास तकनीक की मदद से तैयार करके अंतरिक्ष में भेजा गया है. यहां वो निर्धारित समय तक गुरुत्वीय प्रभाव से मुक्त वातावरण में रखे जाएंगे. भारत की ओर से इन बीजों की आपूर्ति बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप प्रोटोप्लैनेट द्वारा की गई है.

Sea buckthorn  Sea buckthorn
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Oct 19, 2025,
  • Updated Oct 19, 2025, 5:53 PM IST

लद्दाख की ठंडी रेगिस्तानी भूमि में उगने वाले पौधों-सीबकथॉर्न और हिमालयी कुटू (बकव्हीट) के बीज अब अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्टेशन (ISS) पर साइंटिफिट ट्रायल्‍स का हिस्सा बन गए हैं. यह प्रयोग नासा के क्रू-11 मिशन के तहत किया जा रहा है. इस प्रयोग का उद्देश्य अंतरिक्ष जैसी सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षणयुक्त परिस्थितियों में बीजों के व्यवहार, अंकुरण और विकास को समझना है. 

ICAR ने दी जानकारी 

इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्‍चर रिसर्च (आईसीएआर) की तरफ से बताया गया है कि बीजों को एक खास तकनीक की मदद से तैयार करके अंतरिक्ष में भेजा गया है. यहां वो निर्धारित समय तक गुरुत्वीय प्रभाव से मुक्त वातावरण में रखे जाएंगे. भारत की ओर से इन बीजों की आपूर्ति बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप प्रोटोप्लैनेट द्वारा की गई है. मिशन पूरा होने के बाद, बीजों को क्रू-10 मिशन के माध्यम से वापस पृथ्वी पर लाया जाएगा यहां भारतीय वैज्ञानिक इन पर गहन अध्ययन करेंगे. 

और कौन-कौन से देश शामिल 

इस विश्लेषण से अंतरिक्ष में संभावित कृषि कार्यों और जैविक अनुकूलन के बारे में मूल्यवान जानकारी प्राप्त हो सकेगी. इस अंतरराष्‍ट्रीय अभियान में भारत के अलावा मालदीव, पाकिस्तान, अर्जेंटीना, ब्राजील, कोस्टा रिका, ग्वाटेमाला, नाइजीरिया, आर्मेनिया और मिस्र जैसे 11 देशों की भागीदारी है. पांच महाद्वीपों के 11 देशों से मिले बीज, अमेरिका स्थित बायो स्‍पेस साइंस  फर्म ‘जगुआर स्पेस’ की तरफ से रिसर्च का हिस्सा हैं. इसकी योजना बीजों को एक हफ्ते तक सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों में रखने की है. 

सीबकथॉर्न 

इसके फल आकार में छोटे होते हैं, लेकिन पोषण में बहुत ही समृद्ध होते हैं. इनमें विटामिन 'ए', 'सी' और 'इ' के साथ ओमेगा फैटी एसिड्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसे 'सुपरफ्रूट' भी कहा जाता है. यह बंजर और शुष्क भूभाग में भी अच्छी उपज देता है. सी बकथॉर्न का प्रयोग लंबे समय से चीनी हर्बल औषधि के रूप में किया जाता रहा है.  

हिमालयी कुटू

यह एक ग्लूटन-फ्री अनाज है, जो प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है. यह मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी माना जाता है और उपवास में परंपरागत रूप से उपयोग में लाया जाता है. 

यह भी पढ़ें- 

MORE NEWS

Read more!