खरीफ सीजन की दलहनी फसलों में ग्वार एक महत्वपूर्ण फसल है. ग्वार को ग्वारफली के नाम से भी जाना जाता है. यह एक ऐसी दलहनी फसल है जो कम पानी वाले इलाकों में भी अच्छी उपज देती है, साथ ही इसे कम लागत वाली फसल भी मानी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी खेती के लिये अलग से खाद-पानी की जरूरत नहीं होती. भारत में इसकी खेती पशु चारे के उद्देश्य से भी की जाती है. वहीं, किसान इसकी खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं. अगर आप भी ग्वार की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत वैरायटी PNB का बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
किसान मौजूदा समय में धान-गेहूं के अलावा दलहनी फसलों की खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. इससे किसानों की बंपर कमाई भी हो रही है. इसलिए किसान ग्वार की खेती कर रहे हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन ग्वार के बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद कर बंपर कमाई कर सकते हैं. साथ ही इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर भी मंगवा सकते हैं.
PNB ग्वार की एक खास किस्म है. ये पारंपरिक किस्मों की तुलना में ज्यादा पैदावार देती है. इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान 15 से 20 क्विंटल तक पैदावार कर सकते हैं. ग्वार-पीएनबी किस्म कम पानी वाले इलाके में भी अच्छी पैदावार देती है. इसके पौधे की लंबाई 1.5 से 2 मीटर तक होती है और इसमें फली उत्पादन भी ज्यादा होता है. इस किस्म की खेती जुलाई और अगस्त के महीने में होती है.
अगर आप भी ग्वार की PNB किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस किस्म के बीज का 10 ग्राम का पैकेट फिलहाल 4 फीसदी की छूट के साथ मात्र 24 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से ग्वार की खेती कर सकते हैं.
वैसे तो ग्वार की खेती किसी भी मौसम में का जा सकती है. ऐसे में एक हेक्टेयर खेत में ग्वार की बुवाई के लिए कम से कम 15-20 किलो बीज लेकर बीजोपचार कर लें. फिर खेत की तैयारी करने के बाद ग्वार की बुवाई कतारों में करें. हर लाइन के बीच 30 सेमी. की दूरी और हर पौधे के बीच 10 सेंमी. का फासला रखें. बुवाई के तुरंत बाद खेत में हल्की सिंचाई का कर दें, जिससे फसल को अंकुरण में मदद मिल सके.