
अशोकनगर जिले में डीएपी खाद की भारी कमी से किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. मंगलवार को टोकन वितरण के दौरान किसानों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि अफरातफरी मच गई. किसान लंबे समय से लाइन में लगे हुए थे, लेकिन खाद न मिलने से उनकी नाराज़गी बढ़ती गई.
लाइन में घंटों से खड़े एक किसान की तबीयत खराब हो गई और वह बेहोश होकर गिर पड़ा. मौके पर मौजूद लोगों ने उसे तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया. किसान की हालत अब स्थिर बताई जा रही है.
खाद वितरण में गड़बड़ी और देरी से नाराज किसानों ने एमपी स्टेट एग्रो वेयरहाउस के दफ्तर पर पथराव कर दिया. किसानों ने खिड़कियों और दरवाजों को पत्थरों से तोड़ दिया. इस घटना में कुछ कर्मचारी घायल हो गए. कार्यालय में तोड़फोड़ के बाद हालात बिगड़ने लगे.
स्थिति बिगड़ते ही पुलिस और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और किसानों को शांत करने की कोशिश की. प्रशासन ने किसानों को एक खाली मैदान में ले जाकर टोकन वितरण की नई व्यवस्था शुरू की. हालांकि, वहां भी अफरातफरी मच गई और कुछ किसानों ने कर्मचारियों के हाथ से टोकन बुक और मशीन छीन ली. बाद में पुलिस ने सब कुछ वापस ले लिया.
किसानों का कहना है कि वे रातभर से लाइन में लगे हुए हैं, लेकिन टोकन वितरण बार-बार बंद और शुरू किया जा रहा है. इससे किसान परेशान होकर हंगामा करने लगे. वहीं, टोकन प्रभारी रंजीत तिवारी ने बताया कि आज करीब 2000 टोकन बांटे गए, लेकिन इसके बाद भी कई किसान और खाद की मांग करने लगे. जब उन्हें रोका गया तो कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया.
डीएपी खाद की समस्या को लेकर नाराज किसानों ने विदिशा बाईपास पर चक्का जाम भी किया. इससे यातायात कुछ समय के लिए बाधित हो गया. पुलिस के समझाने के बाद ही किसानों ने रास्ता खाली किया.
जिले में पिछले कई दिनों से डीएपी खाद की भारी कमी बनी हुई है. किसान बुवाई के सीजन में खाद की जरूरत महसूस कर रहे हैं, लेकिन पर्याप्त आपूर्ति न होने से उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
अशोकनगर में किसानों का यह विरोध प्रशासन के लिए एक बड़ा संकेत है कि जल्द से जल्द डीएपी खाद की सप्लाई को सामान्य किया जाए. किसानों की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए जिला प्रशासन को पारदर्शी और तेज़ वितरण प्रणाली अपनाने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. (राहुल कुमार जैन का इनपुट)
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