सावधान! Typhoon Kalmaegi फिर सक्रिय, बिजली-गरज के साथ भारी बारिश का अलर्ट

सावधान! Typhoon Kalmaegi फिर सक्रिय, बिजली-गरज के साथ भारी बारिश का अलर्ट

उत्तर-पूर्वी अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में दोबारा बन रहे कम दबाव क्षेत्र से कई राज्यों में बारिश और गरज-चमक की संभावना. तमिलनाडु, आंध्र, कर्नाटक और गुजरात के तटीय इलाकों के लिए चेतावनी जारी.

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सावधान! Typhoon Kalmaegi फिर सक्रिय, बिजली-गरज के साथ भारी बारिश का अलर्टकई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट

उत्तर-पूर्वी अरब सागर के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र (लो प्रेशर एरिया) कल यानी सोमवार सुबह में कमजोर हो गया. हालांकि इससे जुड़ा एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन अभी भी इस क्षेत्र में बना हुआ है. इसलिए बारिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. आपको बता दें कि यही लो प्रेशर एरिया था जिससे मुंबई और आस-पास के इलाकों में भारी बारिश हुई थी. दिवाली के आसपास शुरू हुई बारिश कई दिनों तक चली थी.

रविवार शाम तक पूर्वी गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ, कोंकण और गोवा (मुंबई सहित), मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, ओडिशा और नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में हल्की से मध्यम बारिश हुई.

बारिश का दौर जारी

रविवार शाम तक दर्ज की गई महत्वपूर्ण बारिश (सेमी में) इस प्रकार है: सोनेगांव एयरपोर्ट (नागपुर)- 3, मुंबई (सांताक्रूज और कोलाबा)- 3-3, निजामाबाद और हैदराबाद (तेलंगाना) और द्वारका और नालिया (गुजरात)- 2-2.

बारिश का यह पैटर्न दिखाता है कि पूर्वी-मध्य अरब सागर के ऊपर लगभग दो हफ्तों तक एक सख्त डिप्रेशन (दबाव) के कारण लंबे समय तक बारिश की गतिविधि बनी रही.

नया 'लो प्रेशर एरिया' बना

इस बीच, जैसा कि मौसम विभाग ने पहले अपने पूर्वानुमान में बताया था, रविवार को पूर्वी-मध्य बंगाल की खाड़ी और उसे सटे म्यांमार तट पर एक नया कम दबाव का क्षेत्र बन गया. चूंकि गंभीर चक्रवात मोंथा ने मध्य और पश्चिमी बंगाल की खाड़ी से नमी को पूरी तरह से खत्म कर दिया है, इसलिए यह 'लो प्रेशर एरिया' म्यांमार-बांग्लादेश तटों के साथ उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा.

अरब सागर के 'लो प्रेशर एरिया' को गुजरात तट तक पहुंचने के लिए मोंथा चक्रवात के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में खत्म होने का इंतजार करना पड़ा. इनके मिले-जुले प्रभाव से रविवार शाम तक मराठवाड़ा, विदर्भ, असम और मेघालय, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अधिकांश हिस्सों में लगातार हल्की से मध्यम बारिश हुई.

गरज-चमक के साथ बारिश

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक पूर्वानुमान में कहा कि आज यानी मंगलवार से तीन दिनों तक तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा में कई या कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है. इसके साथ ही बुधवार से तटीय कर्नाटक और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में भी ऐसा हो सकता है.

इसके बाद बारिश लाने वाली पूर्वी लहरों का सिलसिला शुरू हो सकता है, जो शुरू में श्रीलंका और दक्षिण तमिलनाडु को निशाना बनाती हैं. उसके बाद केरल और पड़ोसी कर्नाटक को. अगर पिछले रिकॉर्ड को देखें तो पूर्वी लहरें अक्सर संभावित कम दबाव वाले क्षेत्र, डिप्रेशन या यहां तक ​​कि चक्रवात भी लाती हैं. 

तूफान कलमेगी की आशंका

आने वाले तूफान कलमेगी के बाद ईस्टर्ली वेव्स (या पूर्वी लहरें) खुद ही शुरू हो सकती हैं, जो अभी सेंट्रल फिलीपींस को प्रभावित कर रहा है, साउथ चाइना सी की ओर बढ़ रहा है और शायद इसका बचा हुआ हिस्सा बंगाल की खाड़ी में चला जाएगा. यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-टर्म वेदर फोरकास्ट का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में तमिलनाडु के तट की ओर बारिश की एक लहर आ रही है. तूफान कलमेगी के बाद एक और तूफान आ सकता है क्योंकि पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में मौसम की गतिविधि फिर से तेज हो गई है.

पूर्वी लहरों का मतलब है पूरब से आने वाली हवाओं में बारिश लाने वाले कम दबाव के क्षेत्र जो दक्षिण अंडमान सागर क्षेत्र से लक्षद्वीप, दक्षिण-पूर्वी अरब सागर (केरल के पास), श्रीलंका और कोमोरिन तक पश्चिम की ओर बढ़ते हैं. ये लहरें मौसम वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं क्योंकि ये आमतौर पर भारी बारिश, बिजली और गरज के साथ तेज हवाएं लाती हैं.

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