रबी की फसलें अधिकतर जगह बेची जा चुकी हैं. इसके साथ ही खरीफ सीजन की तैयारी में किसान जुट गए हैं. किसानों के साथ-साथ कृषि विभाग भी इसकी तैयारी में जुट गया है. शनिवार को जोबनेर के कालख में जयपुर के लाइसेंसधारी कृषि आदानों (उत्पादों, इनपुट्स) के थोक और खुदरा विक्रेताओं की गुणवत्ता और बेचान के संबंध में ट्रेनिंग रखी गई. इसमें उन्हें नियम, कानून की जानकारी, पीओएस मशीन अपग्रेड करने व राज किसान सुविधा एप के बारे में विस्तार से बताया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने की.
कृषि मंत्री कटारिया ने विभाग के अधिकारियों को समय पर कृषि इनपुट्स व्यवस्था सुनिश्चित करने, जिले में कृषि यंत्रों, बीज और अन्य चीजों की निगरानी रखने एवं गुणवत्ता बरककार रखने के लिए निर्देश दिए. उन्होंने कृषि से जुड़ी चीजें बेचने वालों को गुणवत्तायुक्त उत्पाद, उर्वरक व बीज का समय पर उचित भण्डारण रखने को कहा. साथ ही सभी विक्रेताओं को पीओएस मशीन के माध्यम से ही उर्वरक देने के निर्देश दिए.
लालचन्द कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित के लिए पिछले साढ़े चार साल से काम कर रही है. सरकार ने पहली बार कृषि का अलग से बजट पेश किया. वहीं, बजट में कृषक कल्याण कोष की राशि को 5 हज़ार करोड़ से बढ़ाकर 7500 करोड़ रुपए किया गया है. इससे प्रदेश के लाखों किसानों को खेती के लिए अनेक उपकरण, बीज, उर्वरक मिल रहे हैं.
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कृषि विभाग के आयुक्त कानाराम ने ट्रेनिंग में मौजूद डीलर, विक्रेताओं और विभाग के अधिकारियों को राज किसान सुविधा एप के बारे में विस्तार से बताया. साथ ही उन्होंने इसे अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने और डाउनलोड करवाने की जिम्मेदारी भी सौंपी. इसके अलावा कानाराम ने प्रशिक्षण में मौजूद आदान विक्रेताओं को बीज, उर्वरक एवं कीटनाशी रसायन के विक्रय से जुडे नियमों एवं अधिनियमों की विस्तृत जानकारी दी.
साथ ही क्षेत्र के सभी लाइसेंसधारी बीज, उर्वरक और अन्य चीजों के विक्रेताओं को डिस्पले बोर्ड, स्टॉक रजिस्टर दुरस्त रखने, लाइसेंस में दुकान में रखे जाने वाले सभी उत्पाद जुड़वाने और किसानों को बेचे जाने वाले उत्पादों का बिल उन्हें देने के निर्देश दिए.
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कानाराम ने बीज, उर्वरक विक्रेताओं को उनकी भूमिका समझाई. कहा कि अच्छे बीज, उर्वरक खेत के लिए डॉक्टर की दवाई की तरह काम करते हैं. इसीलिए आदान विक्रेता कंपनी लाभ को ध्यान में न रखकर कृषकों को अच्छी क्वालिटी के बीज, उर्वरक उपलब्ध कराए. साथ ही नकली सामान ना बेचा जाए और कालाबाजारी ना करें. इस तरह की शिकायत आने पर विभाग कानूनी कार्रवाई करेगा.
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