Urea Shortage: यूरिया खाद नहीं मिलने से नाराज किसान, एनच 727 पर किया विरोध प्रदर्शन 

Urea Shortage: यूरिया खाद नहीं मिलने से नाराज किसान, एनच 727 पर किया विरोध प्रदर्शन 

Urea Shortage: किसानों ने बताया कि वो 45 से 50 किलोमीटर दूर से बगहा आए हैं ताकि खाद ली जा सके. लेकिन सारे कागज जमा करने के बाद भी यूरिया समय पर नहीं मिल रहा है. किसानों के विरोध पर बगहा एसडीएम खुद अपनी गाड़ी में बैठकर माइक से यह संदेश दिया कि वो शांति बनाए रखें. आधार कार्ड से अंगूठा लगाकर यूरिया का वितरण किया जायेगा. ज्यादातर किसान भूमिहीन हैं.  

Controversy arose over the shortage of urea and fertilizerControversy arose over the shortage of urea and fertilizer
क‍िसान तक
  • Bagaha ,
  • Aug 08, 2025,
  • Updated Aug 08, 2025, 11:03 AM IST

देश के अलग-अलग हिस्‍सों से इस समय यूरिया की कमी की खबरें आ रही हैं और ऐसी ही खबर बिहार के बगहा से आ रही है. यहां पर किसानों ने यूरिया खाद न मिलने की वजह से नेशनल हाइवे 727 (NH727) को जाम कर दिया. यहां बेतिया-बगहा का मुख्‍य मार्ग है. किसानों ने यहां पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और इसके चलते हाइवे पर ट्रैफिक पर भी असर पड़ा. किसानों का आरोप है कि बिस्कोमान में यूरिया उपलब्ध है. इसके बाद भी अधिकारियों की तरफ से उसके वितरण में परेशानियां पैदा की जा रही हैं. 

रात दो बजे से लाइन में लगे किसान 

परेशान किसान ओम प्रकाश यादव ने बताया कि वो रात दो बजे से ही लाइन में लगे हैं लेकिन खाद नहीं दी जा रही है. उन्‍होंने आरोप लगाया है कि यूरिया को ब्‍लैक किया जा रहा है. इसके चलते किसानों ने NH727 को जाम किया है. किसान जो पहले यूरिया आधार दिखाकर ले जाते थे, आज उनसे जमीन के कागज और आधार की मांग की जा रही है. किसानों का कहना है कि अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पर उनके ये डॉक्‍यूमेंट्स मांगे जा रहे हैं. 

कागज दिखाने के बाद भी यूरिया नहीं 

किसानों ने बताया कि वो 45 से 50 किलोमीटर दूर से बगहा आए हैं ताकि खाद ली जा सके. लेकिन सारे कागज जमा करने के बाद भी यूरिया समय पर नहीं मिल रहा है. किसानों के विरोध पर बगहा एसडीएम खुद अपनी गाड़ी में बैठकर माइक से यह संदेश दिया कि वो शांति बनाए रखें. आधार कार्ड से अंगूठा लगाकर यूरिया का वितरण किया जायेगा. ज्यादातर किसान भूमिहीन हैं.  दूसरे जमीन मालिकों की जमीन पर को बटाया पर लेकर खेती किसानी करते हैं. ऐसे में अचानक उनसे कागज मांगने पर उनके पास कागज नहीं हैं. इसके चलते उन्हें खाद मिलने में और भी समस्या हो रही है. 

फरवरी में भी हुए थे प्रदर्शन 

बिहार में इस साल की शुरुआत से ही यूरिया की कमी की खबरें आ रही हैं. यहां पर फरवरी में सरकार के लिए उस समय एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई जब सारण में यूरिया लेने के लिए लाइन में लगे किसान की मौत हो गई थी. वह किसान तीन एकड़ से ज्‍यादा जमीन पर बोई गई गेहूं की फसल के लिए खाद लेने के लिए एक लाइसेंस प्राप्त उर्वरक विक्रेता की दुकान के बाहर खड़ा था. यूरिया की कमी के चलते राज्‍य में उस समय भी अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे. 

(गिरीन्द्र कुमार पाण्डेय की रिपोर्ट)

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