ब‍िहार में खाद के ल‍िए हाहाकार, पुल‍िस के पहरे में भी क‍िसानों का खत्म नहीं हो रहा इंतजार

खाद-बीज

ब‍िहार में खाद के ल‍िए हाहाकार, पुल‍िस के पहरे में भी क‍िसानों का खत्म नहीं हो रहा इंतजार

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रबी सीजन अपने पीक पर है. लेक‍िन, ब‍िहार के क‍िसानों को अभी तक खाद नहीं म‍िल पाई थी. हालांक‍ि बीते द‍िनों केंद्राें पर खाद की आपूर्त‍ि हुई है. लेक‍िन, खाद लेने के ल‍िए किसानों को काफी जद्दोजहद करना पड़ रही है. आलम ये है क‍ि पुल‍िस की मौजूदगी में क‍िसानों का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है. तो कई जगहों पर क‍िसानों को आपस में हाथपाई करनी पड़ रही है. 

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बि‍हार में इफको खाद सेंटरों पर तकरीीबन एक महीने के लंबे अंतराल के बाद खाद की आपूर्त‍ि हुई है. लेक‍िन, क‍िसानों का कहना है क‍ि सेंटर पर जरूरत के हिसाब से कम खाद पहुंची है. इसलिए उनकी परेशानी बढ़ गई है. ज‍िस वजह से क‍िसानों के बीच अराजकता का माहौल बना हुआ है. 

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खाद सेंटरों पर क‍िसानों की लंबी लाइनें लगी है. तो वहीं क‍िसानों की भीड़ को देखते हुए पुल‍िस ने भी मोर्चा संभाल ल‍िया है. लेक‍िन, इसके बाद भी क‍िसान न‍िराश हैं. सेंटर पर एक किसान को 4 बोरी यूरिया मिल रहा है. वही प्रत्येक बोरी के लिए किसानों को 266 रुपए चुकाना पड़ रहा है.

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खाद सेंटरों पर पुल‍िस की मौजूदगी में क‍िसानों की लगी भीड़ और धक्का मुक्की से आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. स्थानीय पुलिस ने 'किसान तक' को बताया कि क‍िसान मानने को राजी नहीं है इसलिए हम लाचार हैं, जबकि किसानों ने बताया कि "पुलिस चाहती ही नहीं है कि भीड़ नियंत्रित हो. पुलिस केवल मूक दर्शक की तरह नजारे देख रही है और इस इंतजार में है की कोई बड़ी घटना हो जाए.

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रबी सीजन अपने पीक पर है. ज‍िसके तहत ब‍िहार में गेहूं और सरसों की बुवाई जारी है. इस दौरान क‍िसानों को अपनी फसल के ल‍िए यूरिया खाद की जरूरत पड़ती है. लेक‍िन, सेंटरों पर अभी तक यूर‍िया की आपूर्त‍ि नहीं थी. इस वजह से क‍िसानों की खेती प्रभाव‍ित है.  इसलिए किसान यूरिया खाद लेने के लिए परेशान हैं.
 

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ब‍िहार में खाद के ल‍िए मचे हाहाकार ने महि‍ला क‍िसानों को लाइन लगाने के ल‍िए मजबूर कर द‍िया है. सेंटरों में खाद वितरण के दौरान खाद पाने की उम्मीद लगाए पुरुष किसानों के अलावा महिला किसान भी नजर आईं. वही महिला किसान अपनी अलग से पंक्ति बनाकर यूरिया खाद लेने के इंतजार में खड़ी हुई नजर आईं.