मध्य प्रदेश के सतना जिले में खाद की किल्लत और कालाबाजारी ने किसानों को बेहाल कर दिया है. इसी गंभीर समस्या को उजागर करते हुए कांग्रेस किसान मोर्चा के नेता आशुतोष द्विवेदी ने अपने खून से किसानों का दर्द बयां कर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम पत्र लिखा है. इस पत्र में लिखा कि खाद पर मुनाफा खोरी जैसी 'महामारी' छाई है जिसके चलते खाद का संकट गहराया है. कांग्रेस किसान मोर्चा के नेता आशुतोष द्विवेदी ने सोमवार को मझगवां तहसीलदार को अपना ज्ञापन सौंपा .
खून से पत्र लिखकर कांग्रेस नेता आशुतोष द्विवेदी ने एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में वह सिरिंज से अपना खून निकालकर मोरपंख की कलम से अपने खून से पत्र लिखते हुए दिखाई दे रहे हैं. किसान नेता ने बताया, "मैं अपने खून से पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से अपील कर रहा हूं कि वह सतना जिले में खाद की किल्लत पर ध्यान दें. यह सिर्फ एक पत्र नहीं, बल्कि किसानों का दर्द और उनका आक्रोश है."
द्विवेदी ने पत्र में लिखा है कि सतना जिले में खाद का हाहाकार मचा हुआ है. किसान सुबह से शाम तक खाद केंद्रों के बाहर लंबी कतारों में खड़े रहते हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है. उन्होंने आरोप लगाया कि सफेदपोश नेता और उनके समर्थक प्रशासनिक कर्मचारियों की मदद से भारी मात्रा में खाद गाड़ियों में भरकर ले जा रहे हैं, जबकि गरीब और जरूरतमंद किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं.
आशुतोष ने सरकार और प्रशासन पर खाद वितरण के कुप्रबंधन का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक तरफ महिलाएं और बच्चे घंटों लाइन में खड़े रहते हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रभावशाली लोगों को आसानी से खाद मिल रही है. लिहाजा आशुतोष द्विवेदी ने मुख्यमंत्री से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करने और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे. खून से लिखे इस प्रतीकात्मक विरोध ने सतना में खाद संकट की भयावहता को रेखांकित किया है. अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और किसानों की समस्या का समाधान कब तक होता है.
किसान नेता आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि आज सतना जिले की खाद समस्या को लेकर हमने अपने खून से पत्र लिखकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के नाम तहसीलदार महोदय मजगवां को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें हमने मांग रखी है कि सतना जिले में जो खाद का संकट है, किसान दर-दर भटक रहा है, महिलाएं छोटे-छोटे बच्चे लाइनों पर खड़े हुए हैं. लेकिन सफेदपोश नेताओं की गाड़ियों में भर-भरकर खाद जा रही हैं. वहीं गरीब किसान तड़प-तड़पकर मर रहा है. सड़क पर सुबह से शाम तक उसका समय बीत जाता है इसके बाद भी खाद नहीं मिलती. तो ऐसी विसंगतियां जिले में ना हों, शासन और प्रशासन इस पर ध्यान दें और विचार करके जो खाद की समस्या सतना जिले में सबसे ज्यादा है उसे पूरा करने की कृपा करें.
(रिपोर्ट- वेंकटेश द्विवेदी)
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