यूरिया-DAP की बिक्री में निजी खाद डीलरों का झोल! किसानों की शिकायत पर हुआ एक्‍शन

यूरिया-DAP की बिक्री में निजी खाद डीलरों का झोल! किसानों की शिकायत पर हुआ एक्‍शन

Fertilizer Sale Fraud: खरीफ सीजन के बीच हरियाणा के किसानों की खाद खरीद को लेकर परेशानी बढ़ गई है. कुछ डीलरों की हरकतों से इनपुट लागत पर असर पड़ रहा है. अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू कर दी है. जानिए क्या है पूरा मामला और किन पर गिरी गाज...

Fertilizer Add on product fraudFertilizer Add on product fraud
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 01, 2025,
  • Updated Jul 01, 2025, 2:10 PM IST

वर्तमान में खरीफ सीजन की बुवाई चल रही है. किसान धान सहित सीजन की अन्‍य प्रमुख फसलों की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन करनाल के किसानों ने खाद की खरीद को लेकर चिंता जताई है. किसानों का आरोप है कि प्राइवेट खाद डीलर उन्‍हें जबरन डीएपी और यूरिया के साथ नैनो यूरिया और अन्‍य रसायन एड-ऑन के तौर पर साथ में खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इससे उनकी प्रति बैग इनपुट लागत में 200-400 रुपये की बढ़ाेतरी हो रही है.

प्रोडक्‍ट नहीं लेने पर खाद नहीं बेचते डीलर: किसान

‘दि ट्रिब्‍यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान सौरभ ने कहा कि डीएपी और यूरिया की कीमतें नियंत्रित होने पर भी हमारे पास केवल उन्‍हें अकेले खरीदने का विकल्प नहीं है. व्यापारी किसानों से अतिरिक्त पैसा वसूलने के लिए पोषक तत्व और केमिकल खरीदने के लिए मजबूर करते हैं. अगर हम अतिरिक्‍त रसायन/पोषक तत्‍व नहीं खरीदते हैं तो वे यूरिया/डीएपी बेचने से मना कर देते हैं. किसान ने कहा कि यह ठीक नहीं है और इससे हमें आर्थिक नुकसान हो रहा है.

एक अन्‍य किसान नीरज ने भी आरोप लगाया कि हमें अतिर‍िक्‍त पैसे खर्चकर जबरन दूसरे खाद उत्‍पाद भी खरीदने पड़ रहे हैं. किसान ने कहा कि हम खुले बाजार में अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से यूरिया-डीएपी सकते हैं. साथ में अतिरिक्‍त चीजें जोड़ने की प्रथा को बंद किया जाना चाहिए. किसान ने कहा कि अफसरों को इसे लेकर एक्‍शन लेना चाहि‍ए.

जिले में खाद की पर्याप्त सप्‍लाई: कृषि उप निदेशक

वहीं, मामले को लेकर कृषि उप निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने कहा कि खरीफ सीजन के लिए खाद की सप्‍लाई पर्याप्त है. जिले में 5.3 लाख एकड़ क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हो रही है. इसमें 4.5 लाख एकड़ में धान और 42,000 एकड़ में गन्ना की बुवाई होगी. इसके लिए करीब 95,000 मीट्रिक टन यूरिया और 20,000 मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है. उन्‍होंने बताया कि डीएपी की सप्‍लाई लगभग पूरी हो चुकी है और 51,000 मीट्रिक टन से ज्‍यादा यूरिया बिक चुका है.

कुछ डीलरों पर लिया गया एक्‍शन

अत‍िरिक्‍त उत्‍पाद बेचे जाने की शिकायत पर डॉ. वजीर सिंह ने कहा कि उपायुक्त उत्तम सिंह ने एसडीएम, तहसीलदार, कृषि अधिकारी और पौध संरक्षण अधिकारी की सदस्यता वाली उप-मंडल निगरानी समितियां बनाई हैं. करनाल और असंध में औचक निरीक्षण के बाद छह डीलरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं और गड़बड़ी के लिए चार डीलरों के लाइसेंस सस्‍पेंड किए गए हैं. उन्‍होंने कहा कि अगर कोई व्यापारी किसानों को गैर जरूरी उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर करता है किसान हमें तुरंत इसकी जानकारी दें. इसके लिए हमने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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