Tips For Crops: बाढ़ के बाद धान, मक्‍का और रबी गेहूं-मक्‍का की खेती के लिए अपनाएं ये जरूरी टिप्स

Tips For Crops: बाढ़ के बाद धान, मक्‍का और रबी गेहूं-मक्‍का की खेती के लिए अपनाएं ये जरूरी टिप्स

Post Flood Crop Care: बाढ़ के बाद धान और मक्का की फसलों की तुरंत देखभाल जरूरी है. खेत से पानी निकालें, गिरी फसल को सीधा करें, जिंक व यूरिया की खुराक दें और कीट-रोग नियंत्रण करें. जानिए रबी सीजन से जुड़ी टिप्‍स...

After Flood Tips for kharif and rabi cropsAfter Flood Tips for kharif and rabi crops
प्रतीक जैन
  • Noida,
  • Sep 10, 2025,
  • Updated Sep 10, 2025, 4:18 PM IST

देश में कई राज्‍यों में भारी बारिश और बाढ़ के चलते लाखों हेक्‍टेयर खरीफ फसलें तबाह हो गई हैं. इससे किसान बेहद परेशान हैं और मुआवजे की आस में हैं. वहीं, कई किसान ऐसे भी है, जिनकी फसलें तबाह नहीं हुई हैं, लेकिन थोड़ा नुकसान पहुंचा है और वापस से उसकी देखभाल कर पैदावार हासिल कर सकते हैं. पंजाब, हरियाणा, हिमाचल सहि‍त कई राज्‍यों में कई फसलों को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में आज हम आपको वर्तमान खरीफ और आगामी रबी सीजन में होने वाली फसलों से जुड़ी टिप्‍स देने जा रहे हैं. जानिए बाढ़ के बाद खरीफ सीजन की धान और मक्‍का फसलों और रबी सीजन में गेहूं और मक्‍का की तैयारियों को लेकर किसानों को क्‍या करना चाहिए…

बाढ़ के बाद धान और मक्‍का किसान करें ये काम

बाढ़ के बाद धान की मौजूदा फसल की ऐसे करें देखभाल

जल निकासी: बाढ़ का पानी उतरने के बाद किसानों को सलाह है कि‍ वे खेत में मौजूद पानी को मोटर और अन्‍य मैन्‍युअल साधनों की मदद से तुरंत बाहर निकालें. ज्‍यादा समय तक पानी में रहने से पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं.

खड़ी फसल का बचाव: अगर धान का पौधा गिर गया हो तो हल्की मिट्टी चढ़ाकर पौधों को सीधा करने की कोशिश करें.

पोषक तत्‍वों की कमी दूर करें: बाढ़ की वजह से खेत में छिड़के गए पोषक तत्‍वों जैसे जिंक सल्फेट और नाइट्रोजन की कमी हो सकती है. ऐसे में खेत से पानी निकालने के बाद जिंक सल्फेट और यूरिया की हल्की खुराक का छिड़काव करें, ताकि फसल को अच्‍छे से पोषण मिल सके और उसमें में नई जान आ सके.

कीट और रोग को करें नियंत्रि‍त: बाढ़-जलभराव के कारण धान में तना छेदक (Stem Borer) और झुलसा रोग (Bacterial Blight) का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में इन कीट-रोग की निगरानी कर लक्षण दिखने पर इनसे जुड़े उपाय लागू करें. 

बाढ़ग्रस्‍त खरीफ मक्का फसल में अपनाएं ये तरीके 

जड़ों को मजबूती दें: बहुत संभव है कि बाढ़ से पौधें गिर गए हों या फसल की जड़ कमजोर हुई हो, ऐसे पौधों की मिट्टी चढ़ाकर उन्‍हें फिर से खड़ा करें. 

पोषक तत्व छिड़के: बाढ़ के हुए नुकसान के चलते फसल में यूरिया और पोटाश की कमी हो सकती है. ऐसे में पौधों को इनकी हल्की खुराक दें, ताकि पौधे रिकवर कर सकें.

रोग से बचाएं: पानी की नमी से के कारण मक्‍का की फसल में तना सड़न और पत्तियों में झुलसा रोग का खतरा रहता है. ऐसे में लगातार निगरानी बनाए रखें और समय पर दवाओं का छिड़काव करें.

बाढ़ के बाद गेहूं और मक्‍का फसल लेने के लिए ये काम करें 

बाढ़ के बाद गेहूं बुवाई की तैयारी

खेत की तैयारी: बाढ़ के हालातों से उबरने के बाद जिन खेतों में पानी ज्यादा रुका था, वहां किसान यह सुन‍िश्चित करें की मिट्टी सूखने के बाद ही गहरी जुताई करें. 

क्‍वालिटी बीज: किसानों को सलाह ही जाती है कि वे सिर्फ प्रमाणित और उपचारित बीजों का इस्‍तेमाल करें, इससे फसल में रोग-कीट की समस्‍या से बचा जा सकता है.

खाद-पोषण प्रबंधन: बाढ़ के कारण मिट्टी में मौजूद जरूरी पोषक तत्व बह जाते हैं, ऐसे में बुवाई के दौरान संतुलित मात्रा में डीएपी, यूरिया, पोटाश और जिंक जैसी खादों का इस्‍तेमाल करें.

सिंचाई प्रबंधन: बाढ़ के कारण खेतों में लंबे समय तक नमी बनी रहती है, ऐसे में गेहूं की बुवाई के बाद पहली सिंचाई 20 से 25 दिन बाद करें और खेत में पानी रुकने न दें.

बाढ़ के बाद रबी मक्का की बुवाई

सही किस्म का चयन: बाढ़ के हालातों से निपटने के बाद किसानों को सलाह दी जाती है कि वे स्थानीय जलवायु और कम अवधि वाली रबी मक्का की किस्में चुनें.

खेत की जुताई: मिट्टी की नमी को सुरक्षित रखते हुए 2-3 बार हल्की जुताई करें.

संतुलित खाद: बेसल डोज (बिजाई-रोपाई के समय इस्‍तेमाल होने वाली मात्रा) में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और जिंक का संतुलित रूप से इस्‍तेमाल करें.

कीट रोकथाम: बाढ़ के हालातों के बाद मक्का को तना छेदक कीट से बचाने के लिए फसल की शुरुआती अवस्था से ही ट्रैप और छिड़काव की व्यवस्था करें.

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