सभी फलों में सेब सबसे प्रमुख फल है, जिसका प्रयोग हमें अनेक बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है. वहीं अभी सेब का सीजन चल रहा है. सेब के सीजन में बाजारों में इसकी आवक तेज हो जाती है. चूंकि यह सेहत के लिए अच्छा है, इसलिए लोग खरीदारी भी खूब करते हैं. वहीं सेब की बागवानी ठंडे प्रदेशों में अधिक की जाती है, लेकिन कई बार इसकी बागवानी करने में किसानों को कई तरीके की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन परेशानियों से उत्पादन के साथ-साथ किसानों की आय पर भी असर पड़ता है.
ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि अगर आपके सेब के नए पौधे में तेजी से बढ़ोतरी नहीं हो रही है तो इसके क्या वजह हो सकती है. आपको हम इन वजहों और उसके उपाय के बारे में बताएंगे, जिससे आपके नए पौधे जल्दी ग्रोथ करेंगे.
अगर आपके पुराने बगीचे में नए पौधे लगाने पर तेजी से बढ़ोतरी नहीं हो रही है तो इसकी वजह पुराने पौधों के गढ़ों की भूमि और पुराने पौधे के अवशेष हो सकते हैं, जिन्हें आप पौधे के बेहतर ग्रोथ के लिए उखाड़ कर नष्ट कर दें. इसके अलावा पुराने पौधों की जगह पर नए पौधे न लगाएं. वहीं नए पौधे लगाने के लिए 5*3 फुट के आकार के गड्ढे खोदें और उसे एक महीने तक उसे खुला रखें. नए पौधे लगाने से पहले गड्ढे से खोदी हुई मिट्टी को उपचारित कर लें. ऐसा करने से मिट्टी में होने वाले रोगों और कीटनाशकों को रोका जा सकता है.
पौधे को लगाने से पहले मिट्टी को फॉर्मेलिन से उपचारित किया जाता है. ऐसे में फॉर्मेलिन से मिट्टी को उपचारित करने के लिए फॉर्मेलिन को पानी में मिलाकर मिट्टी में डालें. फिर उस मिट्टी को पॉलीथीन से 48 घंटों के लिए ढक कर छोड़ दें. उसके बाद मिट्टी को पलटते रहें ताकि फॉर्मेलिन के बचे हुए अवशेष मिट्टी से खत्म हो जाएं. उसके बाद उपचारित मिट्टी में अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद, 1 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट और 200 ग्राम कानुडा धूल मिलाएं. फिर गड्ढे को उस मिट्टी से भर दें. इसके बाद ध्यान रखें कि हमेशा स्वस्थ और अच्छी जड़ों वाले पौधों को लगाएं. साथ ही नए लगाए गए पौधों की अच्छी बढ़ोतरी के लिए पौधों के बीच में सरसों, मूली और गेंदा जैसी फसलों को लगाएं.