Tips & Tricks: अग्नि-अस्त्र पद्धति से घर पर ही बना सकते हैं प्राकृतिक कीटनाशक, यहां जानिए सबसे आसान तरीका

Tips & Tricks: अग्नि-अस्त्र पद्धति से घर पर ही बना सकते हैं प्राकृतिक कीटनाशक, यहां जानिए सबसे आसान तरीका

आज जब कृषि क्षेत्र में रासायनिक प्रदूषण और बढ़ती लागत एक बड़ी चुनौती है, ऐसे समय में ‘अग्नि-अस्त्र’ जैसी पद्धति किसानों को आत्मनिर्भर और टिकाऊ खेती की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद कर रही है. यह न केवल एक कीटनाशक है, बल्कि किसानों की पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक जरूरतों का संगम भी है.

Organic pesticide use declined. Representative ImageOrganic pesticide use declined. Representative Image
क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Sep 27, 2025,
  • Updated Sep 27, 2025, 7:16 PM IST

आजकल की खेती में रासायनिक कीटनाशकों पर बढ़ती निर्भरता की वजह से किसान की लागत के साथ-साथ मिट्टी, जल एवं पर्यावरण पर दुष्प्रभाव बढ़ रहे हैं. ऐसे में अब बहुत सारे किसान धीरे-धीरे खेती में प्राकृतिक विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं. इसी कड़ी में भारत के कई हिस्सों में किसानों ‘अग्नि-अस्त्र’ पद्धति को अपना रहे हैं, जिसके अंतर्गत किसान अपने खेतों के लिए प्राकृतिक और पूरी तरह से घरेलू संसाधनों से कीटनाशक तैयार कर पा रहे हैं. इस तरीके से बना कीटनाशक न केवल कम लागत वाला है बल्कि सतत एवं पर्यावरण-अनुकूल भी है.

अग्नि-अस्त्र के लिए मुख्य सामग्री

  1. नीम के पत्ते – 1.25 किलो 
  2. हरी मिर्च – 0.600 किलो 
  3. लहसुन – 0.600 किलो
  4. तंबाकू – 0.250
  5. गोमूत्र – 5 लीटर

‘अग्नि-अस्त्र’ से कीटनाशक बनाने के लिए गोमूत्र, नीम, हरी मिर्च, लहसुन और तंबाकू की जरूरत पड़ेगी. ये सारी  वही चीजें हैं, जिनका मिश्रण इतना शक्तिशाली होता है कि मिट्टी को नुकसान पहुंचाए बिना फसलों के कीटों और रोगों पर प्रभावी नियंत्रण करते हैं. नीम पत्ते की प्राकृतिक कड़वाहट, मिर्च की तीक्ष्णता, लहसुन की गंध और तंबाकू का प्रभाव कीटों के लिए जहरीला माहौल तैयार कर देता है.

कीटनाशक बनाने की विधि

  • ‘अग्नि-अस्त्र’ विधि से कीटनाशक तैयार करना बेहद आसान है. सबसे पहले आप एक बड़े बर्तन में 5 लीटर गोमूत्र लें 
  • और उसमें 1.25 किलो नीम पत्ते डाल दें.
  •  
  • फिर इसमें 600-600 ग्राम हरी मिर्च और लहसुन भी डालिए. इसके ऊपर से 250 ग्राम तंबाकू मिलाएं और इस मिश्रण को गैस पर 3–4 बार अच्छी तरह उबाल लें. 
  • उबालने के बाद इस मिश्रण को 48 घंटे के लिए ठंडा होने छोड़ दें और फिर छान लीजिए. छानने के बाद यह घोल इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाता है. 
  • ‘अग्नि-अस्त्र’ से बने कीटनाशक को जब खेत में इस्तेमाल करें तो इस घोल का 2–3% पानी में मिलाकर खेत में छिड़का
  • जाता है. 

‘अग्नि-अस्त्र’ कीटनाशक के फायदे

किसानों का कहना है कि ‘अग्नि-अस्त्र’ से बने कीटनाशक से उन्हें कई तरह के फायदे मिल रहे हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि रासायनिक कीटनाशकों पर होने वाला खर्च बहुत कम हो जाता है. दूसरा फायदा ये है कि फसलों पर किसी तरह के हानिकारक रसायन का असर नहीं पड़ता, जिससे पैदावार की गुणवत्ता बेहतर होती है. साथ ही इसके उपयोग से मिट्टी की सेहत अच्छी होती है और खेत में प्राकृतिक सूक्ष्मजीवों का संतुलन भी बना रहता है.

विशेषज्ञों का मानना है कि नेचुरल कीटनाशकों के इस्तेमाल से लंबे समय में किसानों की खेती में लागत घटेगी और साथ ही उपभोक्ताओं को सुरक्षित, रसायन मुक्त खाद्य सामग्री मिलेगी. ‘अग्नि-अस्त्र’ पद्धति ग्रामीण इलाकों में उपलब् तमाम संसाधनों पर आधारित है, इसलिए इसे हर किसान आसानी से खुद से बना सकता है.

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