दिल्ली के मंगलवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में कुट्टू का आटा खाने से कम से कम 150 से 200 लोग बीमार पड़ गए. इन सभी लोगों को बाबू जगजीवन राम अस्पताल (बीजेआरएम अस्पताल) ले जाया गया. कई लोगों ने उल्टी, चक्कर आना, दस्त और बेचैनी जैसे लक्षण बताए हैं. अक्सर व्रत खासतौर पर नवरात्रि के व्रत के समय लोग फलाहार के लिए कुट्टू के आटे को तरजीह देते हैं. हर बार इसी तरह की खबरें आती हैं कि कुट्टू का आटा खाने से लोग बीमार पड़े. खाद्य पदार्थों में मिलावट आम बात है और कुट्टू के आटे में मिलावट एक बड़ी समस्या बन चुकी है. ऐसे में लोगों को इससे बचाव के उपायों के बारे में जरूर जानना चाहिए.
हमेशा पैकेज्ड कुट्टू का आटा खरीदने की सलाह दी जाती है. किराने की दुकानों पर खुले या खुले में मिलने वाले आटे से बचना चाहिए. इनमें कई तरह के आटे के साथ मिलावट होने की संभावना ज्यादा होती है. जहां तक कुट्टू के आटे की बात है, खरीदारी या सेवन से पहले कुट्टू के आटे की शुद्धता की जांच करना बहुत आसान है. हम आपको ऐसे 4 आसान सुझाव बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप असली-नकली आटे की पहचान कर सकती हैं.
ध्यान से पढ़ें पैकेजिंग
विशेषज्ञों के अनुसार, आटे की शुद्धता की जांच करने का सबसे आसान तरीका पैकेट पर लगा लेबल है और इसलिए इसे सावधानी से पढ़ना चाहिए. सामग्री का विवरण पढ़ें, पैकेजिंग की तारीख, निर्माता का विवरण और पोषण संबंधी जानकारी देखें.
वॉटर टेस्ट
घर पर शुद्धता की जांच करने के लिए, एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच आटा मिलाएं. असली कुट्टू का आटा घुल जाएगा, जबकि मिलावटी पदार्थ जैसे गेहूं, चावल या स्टार्च सतह पर तैरेंगे या नीचे बैठ जाएंगे.
कलर टेस्ट
रंग देखकर भी शुद्धता की जांच की जा सकती है. शुद्ध कुट्टू के आटे का रंग खास भूरा होता है. इसका सफेद या हल्का रंग गेहूं या चावल के आटे में मिलावट का संकेत देता है.
गूंधना
शुद्धता की जांच करने का एक और तरीका है इसे गूंधना. अगर यह मिलावटी है तो इसमें ग्लूटेन की मौजूदगी के कारण यह आसानी से और अच्छी तरह से चिपक जाएगा. अगर यह शुरू में टूट जाता है और अच्छी तरह से चिपकने में समय लेता है, तो इसका मतलब है कि यह ग्लूटेन-मुक्त है और स्वास्थ्य के लिए अच्छा है.
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