महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार बाढ़ से प्रभावित किसानों को राहत राशि दे रही है. साथ ही हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दिवाली से पहले सभी किसानों को यह राशि मिल जाए. राज्य के कई हिस्सों, खासकर मराठवाड़ा में 20 सितंबर से भारी बारिश हो रही है, जिससे बाढ़ आई है और फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसान परेशान हैं.
पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, "हमने खेतों का दौरा किया है और स्थिति का जायजा लिया. हमारी सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है. हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर और उन्हें मदद के लिए एक पत्र दिया. जब भी संकट आता है, केंद्र ने हमेशा मदद की है."
शिंदे ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की और उन्हें महाराष्ट्र में भारी बारिश से पैदा हुई स्थिति के बारे में बताया. सीएम और शिंदे ने गुरुवार को मुंबई में एक दिवसीय दौरे पर आए शाह से मुलाकात की थी. शुक्रवार को फडणवीस ने नई दिल्ली में पीएम से मुलाकात की और नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड से मदद मांगी.
शिंदे ने कहा, "घरों के पुनर्निर्माण, पशुधन, खराब फसलों और जान-माल के नुकसान के लिए फंड दिया जा रहा है. सरकार का यह रुख है कि किसानों को दिवाली से पहले पैसा मिल जाना चाहिए." विपक्ष के राज्य सरकार की मदद को कम बताने पर शिंदे ने कहा कि ऐसे आलोचकों को राजनीति करने के बजाय "खेतों में जाकर लोगों की परेशानी और स्थिति देखनी चाहिए".
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने अब तक घोषित राहत राशि को "बहुत कम" बताया है, जबकि शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार को प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की राहत राशि घोषित करनी चाहिए. उद्धव ठाकरे ने शनिवार को राज्य के किसानों के लिए सभी लोन माफ करने की मांग की. उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की.
मौजूदा स्थिति के लिए बीजेपी पर हमला करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि सत्ताधारी पार्टी को शासन करना नहीं आता. 20 सितंबर से राज्य के कुछ हिस्सों, खासकर मराठवाड़ा में भारी बारिश और नदियों में बाढ़ से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इस दौरान इस इलाके में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई. सरकार के अनुसार, बाढ़ से 30,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गईं. (पीटीआई)
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