खेती-किसानी में सितंबर का महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस महीने में देश के सभी राज्यों में बारिश यानी मॉनसून अपने विदाई के दौर में होता है. ऐसे में यह समय खेती से जुड़े कामों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि खरीफ सीजन में किसान खरीफ की मुख्य फसल धान सहित कई अलग-अलग बागवानी फसलों की भी खेती करते हैं. अगर आप खेती-किसानी या कृषि व्यवसाय से जुड़े हैं तो इस समय किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कृषि कामों की जानकारी होना जरूरी है. ऐसे में बिहार कृषि विभाग की ओर से इस महीने किन फसलों में क्या करना है, उसकी जानकारी दी गई है. आइए जानते हैं कि किसान सितंबर के महीने में अपने खेतों में क्या करें.
1. सब्जी और बागवानी कार्य: सितंबर के महीने में किसान टमाटर, गोभी, बैंगन, मिर्च की नर्सरी की रोपाई शुरू कर सकते है. इसके अलावा प्याज और लहसुन की बुवाई की तैयारी करें. वहीं, फलों में अमरूद, नींबू आदि फलदार पौधों में कीट और रोग नियंत्रण के लिए निगरानी करें. अगर अमरूद के फल में मक्खी लग गई हो तो नियंत्रण के लिए 8 से 10 लाईफ टाइम ट्रैप का प्रयोग करें.
2. बैंगन की करें बुवाई: सितंबर के महीने में बैगन की बुआई करने से पौधों की अच्छी वृद्धि होती है. साथ ही अधिक उत्पादन और बेहतर क्वालिटी की फसल प्राप्त होती है. इसके लिए संतुलित खाद और समय पर सिंचाई का ध्यान रखें.
3. अरहर की बुवाई करें: सितंबर के महीने में किसान पिछात अरहर की बुवाई कर सकते हैं. इसके लिए किसान सबसे पहले बीज उपचार करें उसके बाद ही बुवाई करें.
4. फूलगोभी की कर सकते हैं खेती: ठंड के दिनों में मिलने वाली फूलगोभी को आप सितंबर के महीने में उगा सकते हैं. इस समय पर बुआई से पौधों की वृद्धि बेहतर होती है. इसके अलावा उच्च उत्पादन और अच्छी क्वालिटी की फसल मिलती है.
5. खरीफ मक्का की करें कटाई: इस महीने में किसान खरीफ मक्का की कटाई कर सकते हैं. इसके अलावा हथिया नक्षत्र की बारिश के पहले ही खेत जोत दें और खरीफ फसल प्रबंधन करें.
6. धान में लगी रोग और कीट का नियंत्रण करें: सितंबर के महीने में धान में रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में रोग से बचाव के लिए 5 किलो जिंक सल्फेट 2.5 किलो इस्तेमाल हुए चूने के साथ मिलाकर छिड़काव करें. वहीं, गंधी कीट के प्रकोप होने पर मिथाइल पैराथियान 2 प्रतिशत धूल या मेलाथियान 5 प्रतिशत भूल का 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में भुरकाव करें.