बढ़ती ठंड से मक्के की फसल को भारी नुकसान, बचाव के लिए किसानों को एक्सपर्ट ने दी सलाह

बढ़ती ठंड से मक्के की फसल को भारी नुकसान, बचाव के लिए किसानों को एक्सपर्ट ने दी सलाह

Maize Farming: बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के द्वारा मक्का की खेती करने वाले किसानों के लिए विशेष सलाह दी गई है. बता दें कि ठंड बढ़ने से मक्के की फसल पर बुरा प्रभाव देखा जा रहा है, जिससे फसलों को नुकसान होने का खतरा है.

मक्के की फसलमक्के की फसल
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jan 06, 2025,
  • Updated Jan 06, 2025, 11:09 AM IST

देश के कई राज्यों में शीतलहर का दौर जारी है. साथ ही तापमान में गिरावट और बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के द्वारा मक्का की खेती करने वाले किसानों के लिए विशेष सलाह दी गई है. कृषि विश्वविद्यालय के मुताबिक, अगेती मक्का फसल जो अभी फूल आने की अवस्था में है, उसमें  गिरते हुए तापमान के कारण नुकसान होने का खतरा है. कम तापमान के कारण मक्का की फसल पर कई प्रभाव देखने को मिल रहे हैं, जिसमें पत्ते का पीला या बैंगनी होना, असामान्य वृद्धि होना शामिल है. ऐसे में कृषि विश्वविद्यालय के मुताबिक आने वाले दिनों में 10 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान रहने के कारण फसल पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जिससे दाना बनने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं किसानों के लिए क्या सलाह है.  

मक्का किसानों के लिए सलाह

  1. कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने कम तापमान से प्रतिकूल प्रभाव से मक्का फसल को बचाने के कई सलाह दिए हैं.
  2. सबौर की ओर से दी गई सलाह के अनुसार, मक्का की फसल में हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी का तापमान स्थिर रहे, लेकिन जल जमाव से बचें.
  3. हल्की सिंचाई के बाद एन.पी.के. (19:19:19) की औसत मात्रा डालें. इसके अलावा मैग्नीशियम सल्फेट (1.5 किलो प्रति एकड़) डालें. यदि फसल बाल निकलने की अवस्था में है तो 30 किलो यूरिया, 10 किलो सल्फर का प्रयोग करना चाहिए.
  4. पोटाश उर्वरक (10 किलो प्रित एकड़) का प्रयोग करें.

मक्का में खरपतवार का नियंत्रण

इसके अलावा शीतकालीन मक्का के खेत को शुरू के 45 दिनों तक खेतों से खरपतवार को साफ करते रहें. इसके लिए 2–3 निराई–गुड़ाई पर्याप्त रहती है. खरपतवारों के रासायनिक नियंत्रण के लिए एट्राजिन की 1 से 1.5 किलो प्रति हेक्टेयर की मात्रा में छिड़काव करके भी नियंत्रित किया जा सकता है.

कीट का कैसे नियंत्रण करें

मक्का मे वृंतभेदक एक मुख्य कीट है. यह मक्का को शुरू की अवस्था में प्रभावित करता है. यदि पत्तियों पर छोटे-छोटे छेद दिखाई दें, तो बिना देरी किए 4 प्रतिशत कार्बोफ्यूरान के दानों को प्रभावित पौधों मे डालना चाहिए. कभी-कभी मक्का की फसल को कुछ कीट जैसे–पाइरिला, आर्मीवर्म, कटवर्म आदि नुकसान पहुंचाते हैं. इनकी रोकथाम भी मोनोक्रोटोफांस के छिड़काव से की जा सकती है.

मक्का फसलों की कैसे करें सिंचाई

रबी मक्का की बुआई के 20–25 दिनों बाद पहली निराई–गुड़ाई करने के बाद ही सिंचाई करनी चाहिए. फिर खेतों में नमी बनाए रखने के लिए समय–समय पर सिंचाई करते रहनी चाहिए, रबी मक्का मे 4–6 सिंचाइयों की आवश्यकता पड़ती है.

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