Kitchen Gardening: अगर नहीं बड़े हो रहे गमले में लगे बैंगन के फल तो फटाफट करें ये जरूरी उपाय

Kitchen Gardening: अगर नहीं बड़े हो रहे गमले में लगे बैंगन के फल तो फटाफट करें ये जरूरी उपाय

अगर आप भी होम गार्डनिंग करते हैं तो ये खबर आपके लिए है. आपको बैंगन के पौधे की ग्रोथ के लिए बेसिक जरूरत और देखभाल का सही तरीका बताने जा रहे हैं. अगर आपने किचन गार्डनिंग का मन बना लिया है तो इन जरूरी बातों का ध्यान रखकर अच्छी पैदावार पा सकते हैं.

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अगर नहीं बड़े हो रहे गमले में लगे बैंगन के फल तो फटाफट करें ये जरूरी उपायबैंगन की पैदावार बढ़ाने के उपाय

हमारे देश की बड़ी आबादी अब अपना लाइफस्टाइल बदल रही है. लोग खान-पान में खास ध्यान रखने लगे हैं. अधिकांश लोग फल-सब्जी और मसाले बाजार से खरीदने की बजाय घर में ही उगाने लगे हैं. आप भी घर में गार्डनिंग करते हैं या करना चाहते हैं तो खबर आपके काम की है. आपको बताएंगे कि किचन गार्डन में लगाए बैंगन के पौधों और उसमें लगते वाले फल की तगड़ी ग्रोथ कैसे हो सकती है? हम जो उपाय बताने जा रहे हैं उसके लिए आपको ना अतिरिक्त खर्च की जरूरत है ना की किसी तरह के विशेष संसाधन की. आप थोड़ी सी देखभाल के बाद स्मार्ट तरीके से बैंगन के पौधों से अच्छी-खासी पैदावार ले सकते हैं. 

जगह में करें बदलाव

अगर आप घर में लगाए गए बैंगन के पौधों से मनमुताबिक फल नहीं मिल रहे हैं तो सीधी सी बात है कि पौधों को जरूरी पोषण नहीं मिल पा रहा है. किसी भी पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए खाद-पानी के अलावा हवा और प्रकाश का भी बड़ा महत्व होता है. इसलिए हमेशा वहीं गार्डनिंग करनी चाहिए जहां लाइट और ऑक्सीजन का भी सही संतुलन बना रहे. अगर आपने ऐसी जगह पौधा लगा रखा है जहां पर्याप्त धूप नहीं मिलती या फिर अनावश्यक जलजमाव होता है जिससे मिट्टी की नमी बढ़ जाती है तो फटाफट जगह बदलें. पौधे को ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां पर दिन कि कम से कम 8 घंटे की धूप आती हो. पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए किसी अन्य पौधे की छाया आती हो तो कटाई-छंटाई भी कर दीजिए. 

मिट्टी बदलनी भी जरूरी 

अगर पौधा गमले में लगा रखा है और गमले की मिट्टी दो साल से अधिक पुरानी हो गई है तो नई, सूखी और भुरभुरी मिट्टी के साथ पुरानी मिट्टी को रिप्लेस करें. ध्यान रहे 50 फीसदी मिट्टी के अलावा 40 फीसदी वर्मी कंपोस्ट और 10 फीसदी रेत के साथ गमले में मिट्टी भरें. अगर सीधे जमीन में पौधे लगा रखे हैं तो फिर पौधे के नजदीक गोलाई में मिट्टी को कुरेदें और उसमें नई मिट्टी उसी खाद और रेत के साथ पौधों के तने में चढ़ा दीजिए. 

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खाद-पानी का सही समय और तरीका

हम जानते हैं कि किसी भी पौधे से अच्छी पैदावार के लिए खाद-पानी देना पहली जरूरत होती है. लेकिन अधिकांश लोग खाद-पानी देने का सही समय और सही तरीका नहीं जानते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि जितनी ज्यादा खाद-पानी देते हैं उतनी ही ज्यादा ग्रोथ देखने को मिलती है, जबकि ऐसा नहीं है. जो पौधे 3 महीने में तैयार हो जाते हैं उन्हें रोपाई के बाद केवल 2 बार की खाद पर्याप्त है. बैंगन के पौधों में भी 30-30 दिनों के अंतराल में एक मुट्ठी वर्मी कंपोस्ट पर्याप्त होगी. सिंचाई की बात करें तो पौधों में तभी पानी देना चाहिए जब मिट्टी की नमी सूखने लगे. पौधों में कभी भी अनावश्यक पानी ना डालें इससे मिट्टी में फंगस का खतरा रहता है. अगर आपने सही जगह के साथ सही मिट्टी और सही खाद-पानी का ध्यान रखा तो निश्चित ही पौधों से तगड़ी पैदावार मिलेगी.

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