नेचुरल फार्मिंग की ओर बढ़ रहे एमपी के किसान, 72 हजार नए किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ेंगे

नेचुरल फार्मिंग की ओर बढ़ रहे एमपी के किसान, 72 हजार नए किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ेंगे

प्राकृतिक खेती बोर्ड की ओर से किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. जबकि, बीज खरीद के साथ ही कृषि उपकरणों की खरीद पर किसानों को सब्सिडी दी जा रही है.

मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार 72 हजार से अधिक नए किसानों ने प्राकृतिक खेती करने की इच्छा जताई है. मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार 72 हजार से अधिक नए किसानों ने प्राकृतिक खेती करने की इच्छा जताई है.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 27, 2025,
  • Updated Feb 27, 2025, 7:11 PM IST

केंद्र सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसान कल्याण मिशन चला रही है. इसके तहत किसानों को प्राकृतिक और जैविक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जबकि, राज्य सरकारें किसानों को सब्सिडी पर बीज और उपकरण उपलब्ध करा रही हैं, ताकि किसान प्राकृतिक खेती की ओर से बढ़ सकें. इससे मिट्टी के स्वास्थ्य, पर्यावरण और भूजल स्तर में सकारात्मक सुधार हो सके. मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार 72 हजार से अधिक नए किसानों ने प्राकृतिक खेती करने की इच्छा जताई है. 

प्राकृतिक खेती बोर्ड की स्थापना 

मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि किसान कल्याण मिशन के तहत किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करने का टारगेट है. उन्होंने कहा कि यह मिशन कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने का प्रमुख माध्यम बनेगा. किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की ओर से प्राकृतिक खेती के प्रसार एवं किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए उद्देश्य से मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन किया गया है.

72 हजार नए किसान करेंगे प्राकृतिक खेती 

मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक खेती बोर्ड का गठन किया गया है. बोर्ड किसानों को प्राकृतिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित कर रहा है. प्राकृतिक खेती के इच्छुक राज्य के किसानों के पंजीयन के लिए पोर्टल प्रारंभ किया गया है. पोर्टल पर प्राकृतिक खेती करने के इच्छुक कुल 72 हजार 967 नए किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. प्रत्येक पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र की स्थापना की जा रही है. 

राज्य में बढ़ रहा टिकाऊ खेती का तरीका 

प्रदेश में जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. कृषि विभाग के अनुसार राज्य में जैविक खेती का क्षेत्रफल देश में सबसे अधिक है. मंडला, डिण्डोरी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, बैतूल, कटनी, उमरिया, अनूपपुर जिले में जैविक खेती प्रमुखता से की जा रही है.राज्य सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये सहकारिता विभाग को कृषि एवं उद्यानिकी के साथ जोड़ा है. 

प्राकृतिक खेती के लिए ट्रेनिंग और सब्सिडी 

प्राकृतिक खेती बोर्ड की ओर से किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. जबकि, बीज खरीद के साथ ही कृषि उपकरणों की खरीद पर किसानों को सब्सिडी दी जा रही है. साथ ही, उत्पादों की ब्रांडिंग और बाजा कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है. वहीं, केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय मिशन प्राकृतिक खेती प्रबंधन एवं ज्ञान पोर्टल के जरिए किसानों को नेचुरल फार्मिंग के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है. प्राकृतिक खेती एक ऐसी विधि है जो टिकाऊ और पारंपरिक पद्धति को मॉडर्न तरीके से अपनाने पर जोर देती है. 

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