ई-एनएएम को हिन्दी में इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार कहते हैं. यह एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जो किसानों और व्यापारियों को फसल बेचने और खरीदने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है. इस प्लेटफॉर्म के जरिए किसान असानी से अपनी उपज को बचते हैं. खास बात यह है कि eNAM के शुरू होने से किसानों को पहले के मुकाबले ज्यादा फायदा हो रहा है, क्योंकि बिचौलिए का रोल अब खत्म हो गया है.
वहीं, जानकारों का कहना है कि ईएनएएम के जरिए सबसे ज्यादा 11 राज्यों में फसलों की खरीद- बिक्री हो रही है. इन राज्यों में कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश,गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर का नाम शामिल है. इन राज्यों में किसानों ने ई-एनएएम के जरिए इस साल फूलगोभी, धान, कपास, मक्का, प्याज और टमाटर सहित अन्य उत्पादों को बेचा है.
ऐसे केंद्र सरकार ने ई-एनएएम को 7 साल पहले लॉन्च किया था. साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार को किसान और व्यापारियों के लिए लॉन्च किया था. सरकार ने कृषि जिंसों के लिए 'वन नेशन, वन मार्केट' के रूप में एक ऑनलाइन मार्केट प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए ई-एनएएम को पेश किया है. वर्तमान में, 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 1,361 मंडियां ई-एनएएम प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत हैं. साथ ही, 17.68 मिलियन किसान, 3320 एफपीओ, 0.25 मिलियन व्यापारी और लगभग 0.11 मिलियन कमीशन एजेंट ई-एनएएम के साथ पंजीकृत हैं. ये किसान धड़ल्ले से ई-एनएएम के जरीए अपनी फसल को बेच रहे हैं. अगर आप भी ई-एनएएम के माध्यम से फसल बेचना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए तरीकों को अपनाना होगा.
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