
शहद हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है. इसे न सिर्फ स्वाद के लिए बल्कि सेहत के लिए भी अमृत माना जाता है. आयुर्वेद और विज्ञान दोनों ही शहद को प्राकृतिक ऊर्जा का स्रोत, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला और पाचन तंत्र को मजबूत करने वाला मानते हैं. लेकिन आजकल बाजार में असली और नकली शहद के बीच फर्क करना आसान नहीं रह गया है. आइए जानें कैसे पहचानें असली शहद और क्यों जरूरी है इसका सही चयन.
आजकल शहद की डिमांड बहुत ज्यादा है. इसी का फायदा उठाकर कई कंपनियां नकली या मिलावटी शहद बेच रही हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, नकली शहद स्वाद में तो असली जैसा लगता है, लेकिन इसमें मौजूद केमिकल और सिरप शरीर के लिए हानिकारक होते हैं. खासकर यह लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है.
डॉक्टर अनिल पटेल बताते हैं कि बाजार में मिलने वाले अधिकतर नकली शहद में कॉर्न सिरप और रिफाइंड शुगर सिरप मिलाया जाता है. ये सिरप ज़्यादातर चीन से आयात किए जाते हैं और प्रोसेसिंग के बाद इनका रंग और स्वाद असली शहद जैसा बना दिया जाता है. यही वजह है कि आम उपभोक्ता इन्हें असली समझ लेते हैं.
असली शहद में प्राकृतिक एंजाइम, विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. ये शरीर को ऊर्जा देते हैं, इम्युनिटी बढ़ाते हैं और पाचन में मदद करते हैं. जबकि नकली शहद में ये सभी पोषक तत्व नहीं होते. लंबे समय तक मिलावटी शहद का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है और लिवर व किडनी पर बुरा असर पड़ता है.
आप कुछ आसान घरेलू टेस्ट से असली और नकली शहद में फर्क कर सकते हैं.
1. पानी से करें टेस्ट:
2. आग से करें टेस्ट:
3. पेपर से करें टेस्ट:
आजकल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में शहद बेचा जाता है. ऐसे में खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
शहद सेहत का खजाना है, लेकिन तभी जब वह असली हो. नकली शहद स्वाद में भले ही अच्छा लगे, लेकिन यह शरीर के लिए धीमा ज़हर साबित हो सकता है. इसलिए अगली बार जब शहद खरीदें, तो उसकी शुद्धता की जांच ज़रूर करें और सेहत के साथ कोई समझौता न करें.
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