
महंगाई के दौर में अगर घर की बालकनी, छत या आंगन में ही ताजे टमाटर उग जाएं, तो इससे बेहतर क्या हो सकता है. अच्छी बात यह है कि टमाटर उगाने के लिए आपको महंगे गमले या खास सेटअप की जरूरत नहीं. घर में बेकार पड़े कंटेनर्स जैसे बाल्टी, ड्रम, पेंट के डिब्बे, पानी की खाली केन या प्लास्टिक बॉक्स भी इस काम के लिए बेहतरीन हैं. बस सही तरीका अपनाना जरूरी है.
टमाटर की जड़ें गहरी जाती हैं, इसलिए कंटेनर कम से कम 12 से 15 इंच गहरा होना चाहिए. कंटेनर के नीचे पानी निकासी के लिए 3–4 छेद जरूर बनाएं, ताकि पानी जमा न हो. जमा पानी जड़ों को सड़ा सकता है. प्लास्टिक, मिट्टी या लोहे का कोई भी कंटेनर चल सकता है, बस वह साफ होना चाहिए. टमाटर के लिए हल्की, भुरभुरी और पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी जरूरी होती है. इसके लिए 40 प्रतिशत गार्डन सॉइल, 30 प्रतिशत वर्मी कम्पोस्ट या सड़ी गोबर खाद और 30 प्रतिशत रेत या कोकोपीट मिलाएं. इस मिश्रण से मिट्टी में जल निकास भी अच्छा रहेगा और पौधे को भरपूर पोषण मिलेगा.
आप चाहें तो बाजार से टमाटर के बीज ला सकती हैं या नर्सरी से छोटा पौधा भी ले सकती हैं. अगर बीज से उगा रही हैं, तो पहले बीजों को छोटे ट्रे या कप में अंकुरित करें. जब पौधा 4–5 इंच का हो जाए, तब उसे कंटेनर में शिफ्ट करें. पौधे लगाते समय जड़ का हिस्सा अच्छी तरह मिट्टी में दबा होना चाहिए. टमाटर के पौधे को रोज कम से कम 6–7 घंटे सीधी धूप चाहिए. इसलिए कंटेनर को ऐसी जगह रखें, जहां भरपूर धूप आती हो. बालकनी, छत या खिड़की के पास की जगह इसके लिए सही रहती है. हवा का हल्का प्रवाह भी जरूरी है, ताकि फंगल बीमारी न लगे.
टमाटर को नियमित पानी चाहिए, लेकिन जरूरत से ज्यादा नहीं. गर्मियों में रोज हल्का पानी दें और सर्दियों में 2–3 दिन में एक बार. मिट्टी हमेशा नम रहे, गीली नहीं. हर 15 दिन में वर्मी कम्पोस्ट या घर में बनी जैविक खाद डालें. फूल आने के बाद केले के छिलके का पानी या सरसों खली का घोल देना भी फायदेमंद होता है. जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है, उसे सहारे की जरूरत पड़ती है. इसके लिए लकड़ी की स्टिक या लोहे की रॉड लगा दें. सूखी और पीली पत्तियां समय-समय पर हटा दें. कीटों से बचाव के लिए नीम तेल का हल्का घोल 10–12 दिन में एक बार स्प्रे करें.
पौधा लगाने के करीब 60–70 दिन बाद टमाटर तैयार होने लगते हैं. जब टमाटर हल्के लाल या पूरी तरह लाल हो जाएं, तब उन्हें तोड़ लें. समय पर कटाई करने से पौधा ज्यादा फल देता है. इस तरह घर पर बेकार पड़े कंटेनर्स का इस्तेमाल कर आप न सिर्फ ताजे और सुरक्षित टमाटर उगा सकती हैं, बल्कि किचन गार्डनिंग का मजा भी ले सकती हैं. थोड़ी सी मेहनत से आपकी रसोई हमेशा फ्रेश टमाटर से भरी रह सकती है.
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