Progeny Tested Bull: जानें कैसे तैयार होते हैं 10-12 करोड़ की कीमत लगने वाले बुल, पढ़ें डिटेल

Progeny Tested Bull: जानें कैसे तैयार होते हैं 10-12 करोड़ की कीमत लगने वाले बुल, पढ़ें डिटेल

Progeny Tested Bull एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो लाखों बुल के बीच एक-दो पीटी बुल होते हैं. आठ से दस साल में पीटी बुल तैयार होता है. अब आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन (कृत्रिम गर्भाधान) भी होते हैं तो पीटी बुल के वीर्य की स्टॉ लेने के लिए भी पशुपालक अच्छी खासी रकम खर्च करने को तैयार रहते हैं. 

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Progeny Tested Bull: जानें कैसे तैयार होते हैं 10-12 करोड़ की कीमत लगने वाले बुल, पढ़ें डिटेलये देश का पहला क्लोन पीटी बुल हिसार गौरव है.

Progeny Tested Bull अक्सर खबरें पढ़ने और सुनने में आती हैं कि किसी बुल की कीमत नौ करोड़ रुपये लगी है. किसी के बारे में सुनने को मिलता है कि उसकी बोली 12 करोड़ रुपये लगी है. अभी हाल ही में युवराज बुल की मौत हुई है. युवराज हरियाणा का था. युवराज को पालने वालों का दावा है कि युवराज की कीमत नौ करोड़ रुपये तक लग गई थी. ऐसे में आम लोगों के दिमाग में सवाल उठता है कि किसी बुल की कीमत इतनी ज्यादा कैसे हो जाती है. इन बुल की क्या खासियत होती है. कैसे ये बुल तैयार किए जाते हैं.

आपको बता दें कि ऐसे बुल को पीटी बुल (प्रोजेनी टेस्टेड) कहा जाता है. अक्सर भैंस के हीट में आने से पहले ही पशुपालक पीटी बुल की तलाश शुरू कर देते हैं. छोटे से लेकर बड़ा पशुपालक तक कुछ ज्यादा पैसे खर्च कर पीटी बुल से ही भैंस को गाभि‍न कराना चाहता है. ज्यादातर पशुपालकों की चाहत होती है की उसकी भैंस पीटी बुल से ही गर्भवती हो. क्योंकि ये सारा खेल मुनाफे का है. लेकिन पीटी बुल की तलाश इतनी आसान नहीं होती है.

पीटी बुल में सबसे पहले देखी जाती हैं ये तीन क्वालिटी

केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (CIRB), हिसार, हरियाणा के रिटायर्ड साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह ने किसान तक को बताया कि देश में गाय-भैंस को लेकर नस्ल सुधार कार्यक्रम चल रहा है. इसलिए ये जरूरी है कि जब गाय-भैंस को गाभि‍न कराया जाए तो सिर्फ पीटी बुल का ही इस्तेमाल किया जाए. अगर आसपास पीटी बुल नहीं है तो उसके वीर्य की स्ट्रॉ लाकर एआई की मदद से भी गाय-भैंस को गाभि‍न कराया जा सकता है. एक पीटी बुल में तीन खास बातें जरूर होनी चाहिए. एक तो ये कि उसकी बेटियां ज्यादा दूध देने वाली हों. हर साल वक्त से गाभि‍न होकर बच्चा दे रही हों. तीसरा ये कि उन्हें कोई अनुवांशि‍क बीमारियां ना हों. 

80 से 100 भैंसों की जांच के बाद बनता है पीटी बुल 

डॉ. सज्जन सिंह ने बताया कि एक सामान्य बुल को पीटी बुल बनाने के लिए खानपान के साथ और भी बहुत सारे काम किए जाते हैं. जैसे उस बुल से पैदा होने वालीं 80 से 100 भैंसों का दूध उत्पादन देखा जाता है. पीटी बुल का तमगा भी ऐसे ही नहीं मिलता है. 15-20 बुल के बीच हुए कंप्टीशन से निकलकर ही पीटी बुल बनता है. साथ ही ये जांच भी की जाती है कि वो बच्चा किस दर (रिप्रोडक्शन रेट) से दे रही है. लगातार बुल की टेस्टिंग की जाती है. अच्छे पीटी बुल तैयार करने के लिए उन्हीं की बेटियों से पैदा होने वाले मेल बछड़ों को ही आगे के लिए तैयार किया जाता है. डेयरी फार्म में पीटी बुल रखकर भी कमाई की जा सकती है. आज पीटी बुल के वीर्य की एक स्ट्रॉ 800 से एक हजार रुपये तक की मिलती है. CIRB के पास ए ग्रेड के दो पीटी बुल एम-29 और 4354 हैं. 

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