किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि उन्हें साहूकारों से ज़्यादा ब्याज दरों पर पैसा उधार लेकर खेती न करना पड़े. किसान आवश्यकता पड़ने पर इस कार्ड से लोन ले सकते हैं. यदि किसान समय पर भुगतान करते हैं तो इस लोन पर लागू ब्याज दर भी कम ही रहती है. खेती-किसानी के लिए इतना सस्ता लोन और किसी भी योजना पर नहीं मिलता. केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के सभी लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड देने का अभियान चला रही है, जिसके तहत फरवरी 2020 से अब तक 4.5 करोड़ से ज्यादा आवेदन मंजूर किए गए हैं.
किसानों को खेती-बाड़ी के लिए आसानी से लोन मिले, उन्हें दर-दर की ठोकरें न खानी पड़े, कागजी झंझट में न फंसना पड़े, इससे बचाने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम शुरू की है. जैसा कि नाम से साफ है, यह ऐसा कार्ड है जो किसानों को क्रेडिट मतलब कि लोन की सुविधा देता है. इस स्कीम में किसानों को 3 लाख रुपये तक का लोन सिर्फ 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर मिलता है. खेती के अलावा मछली पालन या पशुपालन से जुड़े लोगों को भी इस योजना में शामिल किया गया है. उन्हें 2 लाख रुपये का ही लोन इसके तहत मिलता है. इसके तहत 1.6 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के मिलता है.
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केंद्र सरकार का सभी बैंकों को आदेश है कि 4 प्रतिशत की दर से किसान क्रेडिट कार्ड का लोन दिया जाएगा. इसलिए इतने ही ब्याज दर पर लोन मिलता है. समय पर पैसा न जमा कर पाने पर ही पूरा ब्याज देना होता है. छूट खत्म हो जाती है. बिना छूट के ब्याज दर 9 प्रतिशत तक पहुंच सकती है. कार्डधारकों द्वारा समय पर भुगतान करने में विफल रहने पर कंपाउंड ब्याज वसूला जाता है
इस कार्ड की बदौलत किसान कटाई के बाद फसलों के प्रबंधन से लेकर डेयरी के काम और पंप सेट आदि खरीदने के लिए भी कर सकते हैं. खास बात ये है कि यह कार्ड बेहद कम समय में और बहुत ही कम कागजातों में किसानों को तीन लाख तक का लोन दिलाता है.
भरा हुआ ऐप्लीकेशन फॉर्म
पहचान पत्र- इसमें आप पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस में से कुछ भी दे सकते हैं.
एड्रेस प्रूफ, इसमें भी पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस दे सकते हैं.
जमीन के दस्तावेज
पासपोर्ट साइज फोटो
बैंक कुछ और दस्तावेज भी मांग सकता है.
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