Mango Farming Tips: बारिश और ओलावृष्टि के बाद आम की फसल का कैसे रखें ध्‍यान, विशेषज्ञों ने बताया 

Mango Farming Tips: बारिश और ओलावृष्टि के बाद आम की फसल का कैसे रखें ध्‍यान, विशेषज्ञों ने बताया 

Mango Farming Tips: ओलावृष्टि के बाद उमस की वजह से कीटों का हमला हो सकता है. उन्होंने कहा कि आम की फसलों में फल मक्खियों और थ्रिप्स की संख्या बारिश के बाद बढ़ सकती है क्योंकि नमी और मिट्टी में नमी इन कीटों के विकास और गतिविधि के लिए अनुकूल होती है. यूपी के बिजनौर, सहारनपुर और लखनऊ कुछ प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं जहां पिछले दिनों तेज बारिश हुई. उत्‍तर प्रदेश में आम के फलों की कटाई जून से होगी.  

दुनिया में बढ़ रहा केसर आम का क्रेज (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)दुनिया में बढ़ रहा केसर आम का क्रेज (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • May 25, 2025,
  • Updated May 25, 2025, 4:25 PM IST

हाल ही में हुई बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण उत्‍तर प्रदेश के कई हिस्सों में आम की फसलों में कीटों का प्रकोप होने की संभावना है. ऐसे में किसानों को समय रहते कार्रवाई करने की सलाह दी गई है. देश के कुल 24 मिलियन टन आम उत्पादन में उत्‍तर प्रदेश का योगदान एक तिहाई है. दशहरी, लंगड़ा, चौसा और आम्रपाली राज्य में उगाई जाने वाली प्रमुख आम की किस्में हैं. विशेषज्ञों की मानें तो ओलावृष्टि के बाद फल मक्खियों और थ्रिप्‍स फसल पर हमला कर सकते हैं. 

पैदावार पर नहीं पड़ेगा असर 

आईसीएआर के सेंट्रल सबट्रॉपिकल हॉर्टीकल्‍चर इंस्‍टीट्यूट के डायरेक्‍टर टी दामोदरन ने कहा है कि यूपी में आम की कुल पैदावार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. लेकिन आम उगाने वाले कुछ क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि के बाद उमस की वजह से कीटों का हमला हो सकता है. उन्होंने कहा कि आम की फसलों में फल मक्खियों और थ्रिप्स की संख्या बारिश के बाद बढ़ सकती है क्योंकि नमी और मिट्टी में नमी इन कीटों के विकास और गतिविधि के लिए अनुकूल होती है. उनका कहना था कि किसानों को बारिश के बाद इन कीटों का प्रबंधन करने की जरूरत है. 

मिथाइल यूजेनॉल ट्रैप का प्रयोग 

दामोदरन ने बताया कि अगर फल मक्खियों की पहली पीढ़ी पर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो उनकी आबादी लगातार बढ़ती जाएगी. यह मुख्य आम की फसल के पकने के साथ ही और तेजी से बढ़ जाएगी. जब तक आम बाजार में बिकने लायक पक नहीं जाते तब तक मक्खियों की आबादी खतरनाक रूप से बढ़ सकती है. कीटों को नियंत्रित करने के लिए दामोदरन ने सुझाव दिया कि मिथाइल यूजेनॉल ट्रैप नर फल मक्खियों के प्रबंधन के लिए एक प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल तरीका है खासतौर पर आम में. ये ट्रैप बाजार में उपलब्ध हैं और इन्हें 1.5 से 2 मीटर की ऊंचाई पर लटकाकर लगाया जा सकता है.   

गुड़ से बनाएं जहरीला चारा 

उनका कहना था कि वयस्क फल मक्खियों को नियंत्रित करने के लिए गुड़-आधारित जहरीले चारे का इस्तेमाल किया जा सकता है. चारा तैयार करने के लिए करीब 20 ग्राम गुड़ को 100 भाग पानी और 1 मिली लीटर/लीटर संपर्क कीटनाशक (जैसे मैलाथियान 50 ईसी) के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्‍होंने कहा कि किसानों को पेड़ के तने, निचली शाखाओं और पत्तियों पर इस जहरीले चारे के मिश्रण का छिड़काव करना चाहिए.  

तेज धूप में छिड़काव से बचें 

बारिश के दौरान या दोपहर की तेज धूप में छिड़काव से बचना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि इसका छिड़काव सुबह या देर दोपहर में करना चाहिए. इसे हर 7-10 दिनों में दोहराया जा सकता है. थ्रिप्स के नियंत्रण के लिए, इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल (0.3 मिली/ली) या थायमेथोक्सम 25 प्रतिशत डब्ल्यूजी (0.3 ग्राम/ली) या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 5 फीसदी ईसी (1 मिली/ली) या टॉलफेनपाइराड 15% ईसी 1.5 मिली/ली जैसे किसी भी कीटनाशक का इस्तेमाल किया जा सकता है. 

जून में होगी आम की कटाई 

उन्होंने कहा कि सेमीलूपर्स और डुडुआ (युग्मित फल बोरर) के लिए, लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 5 प्रतिशत ईसी (1 मिली/ली) का छिड़काव नए फ्लश और फलों को टारगेट करके किया जा सकता है. यूपी के बिजनौर, सहारनपुर और लखनऊ कुछ प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं जहां पिछले दिनों तेज बारिश हुई. उत्‍तर प्रदेश में आम के फलों की कटाई जून से होगी.  

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