Puerperal Fever in Animal गाय-भैंस बच्चा जुलाई यानि मॉनसून (Monsoon) में दे या सर्दी-गर्मी के मौसम में, प्रसूति ज्वर कभी भी हो सकता है. प्रसुति ज्वर हमेशा गाय-भैंस के बच्चा देने के बाद होता है. इसका मौसम से कोई संबंध नहीं है. सेंट्रल बफैलो रिसर्च इंस्टीट्यूट (CIRB), हिसार हरियाणा के रिटायर्ड साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह ने किसान तक (Kisan Tak) को बताया कि जब भी गाय-भैंस बच्चा दे तो अलर्ट रहें. हालांकि कुछ पशुपालक बच्चा होने के बाद देखभाल और खाने-पीने की तरफ से बेफ्रिकक हो जाते हैं.
प्रसूति ज्वर को कैसे पहचानें?
- रोगी पशु अत्ति संवेदनशील और बैचेन दिखाई देता है.
- पशु कमजोर हो जाता है और लड़खड़ाकर चलने लगता है.
- पशु खाना-पीना और जुगाली करना बंद कर देता है.
- मांसपेशियों में कमजोरी के कारण पशु कांपने लगता है.
- पीड़ित पशु बार-बार सिर हिलाने और रंभाने लगता है.
गाय-भैंस को प्रसूति ज्वर हो तो कैसे करें इलाज?
- पशु में लक्षण दिखाई दें तो कैल्शियम बोरेग्लुकोट दवाई का इस्तेमाल करें.
- दवाई की 450 मिली लीटर की बोतल ब्लड की नस के रास्ते चढ़ानी चाहिए.
- दवाई धीरे-धीरे 10-20 बूंदे प्रति मिनट की दर से लगभग 20 मिनट में चढ़ानी चाहिए.
- पशु दवाई देने के 8-12 घंटे बाद उठ कर खुद खड़ा नहीं हो तो यही दवा दोबारा दे दें.
- 75 फीसद रोगी पशु इलाज के दो घंटे में ठीक हो जाते हैं.
- इलाज के 24 घंटे तक रोगी पशु का दूध नहीं निकालना चाहिए.
गाय-भैंस बच्चा दे तो क्या उपाय अपनाएं?
- पशु को बच्चा होने से पहले संतुलित आहार देना शुरू कर दें.
- संतुलित आहार के लिए दाना-मिश्रण, हरा चारा और सूखा चारा दिया जा सकता है.
- दाना मिश्रण में दो फीसद उच्च गुणवत्ता का खनिज लवण और एक फीसद साधारण नमक शामिल करें.
निष्कर्ष-
खासतौर से बरसात के मौसम में हरा चारा पशुओं को बहुत नुकसान पहुंचाता है. इसलिए एनिमल एक्सपर्ट की सलाह पर पशुओं को हरा चारा संग और दूसरी चीजें मिलाकर देनी चाहिए. दूसरा ये कि मौसम कोई भी हो, लेकिन तय मात्रा के मुताबिक ही पशुओं को हरा चारा खिलाना चाहिए. न कम और न ज्यादा.
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