सहारनपुर में आम की सफाई के लिए एक नई और आधुनिक मशीन लाई गई है. इस मशीन की मदद से आम से काले धब्बे हटाए जा सकते हैं, जिससे आम की चमक बढ़ती है और बाजार में उनकी कीमत भी अच्छी मिलती है. इससे किसानों को फायदा होगा और आम की गुणवत्ता भी बेहतर होगी. दरअसल लोगों को साफ और चमकदार फल पसंद आते हैं. ऐसे में अगर फलों पर काले धब्बे हों तो लोग उसे खरीदना पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में यह मशीन किसानों के लिए कारगर साबित हो सकती है.
सहारनपुर में आम के खास प्रकार जैसे चौसा और लंगड़ा में अक्सर काली फफूंदी लग जाती है, जिससे आम खराब दिखते हैं और उनकी कीमत भी कम हो जाती है. इस नई मशीन में जैविक फ्रूट वॉश का इस्तेमाल होता है, जो आम से काले धब्बे और फफूंदी को दूर करता है, बिना आम को नुकसान पहुंचाए.
इस मशीन से साफ किए गए आम ज्यादा चमकीले और साफ नजर आते हैं. पहले जहां आम की कीमत 4-5 रुपये प्रति किलो थी, अब यह बढ़कर 15-20 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है. इससे किसानों को आमदनी बढ़ाने का अच्छा मौका मिलेगा.
कंपनी बाग में यह सेवा किसानों के लिए पूरी तरह मुफ्त है. किसान अपने धब्बेदार आम यहां ला सकते हैं और मशीन से उन्हें साफ करवा सकते हैं. इससे किसान अपने खराब आम फेंकने की बजाय बेच भी सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं.
इस मशीन से धुले आम ज्यादा समय तक ताजा और सुरक्षित रहते हैं. इसका मतलब है कि आम ज्यादा दिनों तक खराब नहीं होंगे और बाजार में अच्छी कीमत पर बिकेंगे. यह तकनीक आने वाले समय में और फलों की सफाई में भी काम आएगी.
सहारनपुर के किसान इस नई तकनीक को लेकर बहुत उत्साहित हैं. कृषि विभाग ने भी इस पहल को सराहा है और इसे और बढ़ावा देने की योजना बना रहा है. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और आम की बर्बादी भी कम होगी.
यह मशीन सहारनपुर जिले के किसानों के लिए एक बड़ा तोहफा है. इससे न केवल आम का रूप बेहतर होगा बल्कि उपभोक्ताओं तक भी बेहतर गुणवत्ता वाला फल पहुंचेगा. सहारनपुर इस नई तकनीक की वजह से कृषि क्षेत्र में एक मिसाल बन रहा है.
सहारनपुर में नई आम धोने वाली मशीन ने किसानों की आमदनी और आम की गुणवत्ता दोनों में सुधार किया है. यह तकनीक किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी और भारत में कृषि तकनीक के क्षेत्र में नई पहचान बनाएगी.