फिटकरी का उपयोग तो आपने खाने में जरूर किया होगा, लेकिन इसका इस्तेमाल खाने के अलावा खेती-बाड़ी में भी होता है. फिटकरी कई तरह के पौधों और फसलों के लिए काफी मददगार होती है. वहीं फिटकरी को फसलों का रामबाण माना जाता है. इसमें पोटेशियम सल्फेट और एल्युमिनियम सल्फेट का मिश्रण होता है. वहीं फिटकिरी में पाई जाने वाली खटास पौधों में सिट्रिक एसिड की कमी को पूरा करके फसल को स्वस्थ रखने में मदद करती है. इसे अंग्रेजी में alum कहा जाता है. दरअसल किसान इसका इस्तेमाल फसल उत्पादन में सुधार पाने के लिए भी कर सकते है. आइए जानते हैं कैसे कर सकते हैं फसलों में फिटकरी का उपयोग.
पौधों को अक्सर फंगस और बैक्टीरिया जैसे भयानक रोगों से काफी नुकसान होता है. इनके संक्रमण से पौधों को बचाने के लिए फिटकरी बहुत मददगार होती है. फिटकरी को पानी में घोलकर प्रयोग करने से इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुण फंगस और बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करता है और पौधों को सुरक्षित रखता है.
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फिटकरी के उपयोग से फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है. इसके लिए आपको फिटकरी को बारीक़ पीसकर इसे खेत में अंतिम जुताई के समय मिट्टी में मिलाएं या पानी में इसका घोल तैयार करके सिंचाई में बूंद-बूंद करके डालना चाहिए. ऐसा करने से पौधों में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है. इससे पौधे मजबूत और हरे भरे होते हैं. वहीं फसल की उत्पादकता में भी बढ़ोतरी होती है.
धान की फसल में फिटकरी का इस्तेमाल करने से बहुत सारे फायदे होते हैं. धान की रोपाई करने से पहले खेत में फिटकरी का उपयोग करने से मिट्टी का पीएच मान बढ़ जाता है. साथ ही धान की फसल की अच्छी ग्रोथ होती है और फसलों में लगने वाले कीड़े-मकोड़े, कीट, दीमक से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा धान की फसल में कल्ले अधिक निकलते हैं और इससे फसल की अच्छी पैदावार होती है.