सब्जियों की खेती में हो सकता है माहू का प्रकोप, बचने के लिए यह उपाय अपनाएं छत्तीसगढ़ के किसान

सब्जियों की खेती में हो सकता है माहू का प्रकोप, बचने के लिए यह उपाय अपनाएं छत्तीसगढ़ के किसान

गेहूं को लेकर जारी किए गए सलाह में कहा गया है कि समय पर बुवाई की गई गेहूं की फसल में अभी दाना भरना शुरू हो गया है. इस समय फसल को नमी की सबसे अधिक जरूरत होती है. इसलिए किसान ,समय समय अपने खेत की सिंचाई करते रहे. इस समय गेहूं में झुलसा रोग का भी प्रकोप हो सकता है. इसके कारण गेंहू की फसल को काफी नुकसान होता है.

कृषि सलाह            (सांकेतिक तस्वीर)कृषि सलाह (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 10, 2024,
  • Updated Mar 10, 2024, 9:52 AM IST

रबी फसलों की कटाई अब शुरू होने वाली है या की जा रही है. अब खेतों लोग गर्मा सब्जियों की खेती करना शुरू करेंगे. इस समय किसानों को खेती करने में परेशानी नहीं हो इसलिए उनके लिए कृषि सलाह जारा की जाती है. इन सलाह का पालन करते हुए किसान बेहतर तरीके से खेती कर सकते हैं और बेहचतर उपज हासिल कर सकते हैं. छत्तीसगढ़ के लिए जारी किए गए सामान्य सलाह में कहा गया है कि किसान कंद वाली सब्जियां जैसे आलू, हल्दी, अदरक, लहसुन और प्याज की सिंचाई करना अब बंद कर दें और 15 दिनों के बाद कंद वाली सब्जियों की खुदाई करें. अगर बीज के उद्देश्य से आलू को रखना चाहते हैं को तो खुदाई करने से पहले उसके पौधे को उपर से काट दें.

गेहूं को लेकर जारी किए गए सलाह में कहा गया है कि समय पर बुवाई की गई गेहूं की फसल में अभी दाना भरना शुरू हो गया है. इस समय फसल को नमी की सबसे अधिक जरूरत होती है. इसलिए किसान ,समय समय अपने खेत की सिंचाई करते रहे. इस समय गेहूं में झुलसा रोग का भी प्रकोप हो सकता है. इसके कारण गेंहू की फसल को काफी नुकसान होता है. इस रोग का प्रभाव होने पर पत्तियों में भूरे रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं. इससे बचाव के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का तीन ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. इसके साथ ही किसानों को सलाह दी जाती है कि मौसम साफ रहने पर फफूंदनाशक का छिड़काव करें.

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सब्जियों में हो सकता है माहू का प्रकोप

चना के पौधों में इस वक्त फलीकरण हो रहा है. इस समय पौधों में फली छेदक कीट का प्रकोप होता है. इसलिए खेत में लगातार निगरानी करते रहे और खेतों में फेरोमोन ट्रेप का इस्तेमाल करें.अधिक कीटों का प्रकोप अधिक हो गया है तो एनपीवी कीटनाशक 500 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छि़ड़काव करें. वर्तमान मौसम की स्थिति को देखते हुए सब्जियों की फसलों में माहू के प्रकोप की आशंका है. इसलिए,किसानों को सलाह दी जाती है कि वे निरंतर निगरानी करें और प्रारंभिक प्रकोप दिखाई देने पर नीम आधारित कीटनाशकों का छिड़काव करें. सब्जी किसानों को सलाह दी जाती है कि लीफ कैटर पिलर के नियंत्रण के लिए स्पाईनोशेड का 150 मिली प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें.

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आम के मंजर का रखें ख्याल

आलू की पछेती खेती में झुलसा रोग को नियंत्रित करने के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का 3 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें. केले और पपीते के पौधों की सप्ताह में एक बार सिंचाई करें और फूल आने के समय केले के पौधे को सहारा दें.आम के पेड़ में इस समय मंजर लग रहा है. इस दौरान आम के मंजर में खस्ता फफूंदी का प्रकोप होता है. इसके कारण फल खराब हो जाते हैं और बाद में फल गिर जाते हैं. इसलिए इस दौरान पेड़ों की निगरानी करें और जब मंजर में इस तरह के लक्षण दिखाई दे तब  कार्बेन्डिज़िम (बाविस्टिन) का 1.5 ग्राम या सल्फेक्स का छिड़काव प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर करें.यदि आम में टिकोरे लग गए हैं तो उन्हें गिरने से बचाने के लिए सिंचाई करें. 

 

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