Agri Tech: फल, सब्जियों की खेती में गेम चेंजर साबित हो रही यह खास मशीन, बढ़ती है किसानों की कमाई!

Agri Tech: फल, सब्जियों की खेती में गेम चेंजर साबित हो रही यह खास मशीन, बढ़ती है किसानों की कमाई!

Agri Tech: साइज ग्रेडर मशीन एक मॉर्डन मशीन है जो टमाटर, सेब, संतरा, आलू, अमरूद, प्‍याज जैसी फसलों को उनके आकार के अनुसार अलग-अलग श्रेणियों में छांटती है. मशीन में बेल्ट, रोलर्स या वाइब्रेटिंग मैकेनिज्‍म फिट होते हैं. इनके जरिए फल-सब्जियां बड़ी तेजी और सटीकता से साइज के आधार पर अलग की जाती हैं. 

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क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Jul 09, 2025,
  • Updated Jul 09, 2025, 6:50 AM IST

बहुत से फल और सब्‍जी ऐसे होते हैं जो अपने साइज की वजह से ही खास होते हैं. उनकी क्‍वालिटी और बाजार में उनकी कीमत साइज पर ही निर्भर करती है. उपभोक्‍ता भी ऐसी सब्जियों या फलों को तरजीह देते हैं जिनका साइज और क्‍वालिटी अच्‍छी हो. अब कई ऐसी मशीन मौजूद हैं जो फलों और सब्जियों के साइज के आधार पर ही उन्‍हें क्‍लासीफाइड करती हैं. इन मशीनों को साइज ग्रेडर के तौर पर जाना जाता है. यह मशीन फल और सब्जियों को उनके आकार के अनुसार छांटकर बाजार में बेहतर दाम दिलाने में मददगार साबित हो रही है. 

क्या है साइज ग्रेडर मशीन?

बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने के दौर में ग्रेडिंग और पैकिंग का महत्व और भी बढ़ गया है. ऐसे में साइज ग्रेडर मशीन किसानों को न सिर्फ उनकी उपज का सही मूल्य दिला रही है, बल्कि आधुनिक कृषि की दिशा में एक बड़ा कदम भी साबित हो रही है. साइज ग्रेडर मशीन एक मॉर्डन मशीन है जो टमाटर, सेब, संतरा, आलू, अमरूद, प्‍याज जैसी फसलों को उनके आकार के अनुसार अलग-अलग श्रेणियों में छांटती है. मशीन में बेल्ट, रोलर्स या वाइब्रेटिंग मैकेनिज्‍म फिट होते हैं. इनके जरिए फल-सब्जियां बड़ी तेजी और सटीकता से साइज के आधार पर अलग की जाती हैं. 

बदल रही किसानों की किस्‍मत 

इस मशीन का सबसे बड़ा फायदा किसानों को तब मिलता है जब वे अपनी उपज को साइज के हिसाब से ग्रेड करके बेचते हैं. बड़े आकार के फल ज्‍यादा दाम में बिकते हैं जबकि छोटे और मध्यम आकार वाले फल दूसरी मार्केट में भेजे जाते हैं. इससे उपज का अधिकतम उपयोग होता है और नुकसान कम होता है. कई मंडियों और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) ने इस तकनीक को अपनाकर 10–20 फीसदी तक ज्‍यादा आमदनी दर्ज की है. 

सरकार भी कर रही है प्रोत्साहित

कृषि एवं बागवानी विभाग द्वारा कई योजनाओं के तहत साइज ग्रेडर मशीन पर सब्सिडी भी मिलती है. किसानों को 40 से 60 प्रतिशत तक की छूट के साथ यह मशीनें उपलब्ध कराई जा रही हैं. इससे छोटे और मध्यम किसान भी इसे अपना पाने में सक्षम हो रहे हैं. यह मशीन सबसे अधिक उन जगहों पर उपयोगी साबित हो रही है जहां बागवानी फसलें अधिक होती हैं – जैसे उत्तराखंड, हिमाचल, महाराष्‍ट्र, पंजाब, कर्नाटक आदि. पोस्ट-हार्वेस्ट लॉस को कम करने और एक्सपोर्ट क्वालिटी उपज तैयार करने के लिए यह तकनीक गेम चेंजर बनती जा रही है. 

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